लोकतंत्र के लिए एक दुखद दिन सुखबीर सिंह बादल ने राष्ट्रपति से कहा है “कृपया किसान, किसान मजदूर, आढ़ती, मंडी मजदूर और दलितों के पक्ष में खड़े हों। कृपया सरकार के साथ उनकी ओर से हस्तक्षेप करें। अन्यथा वे हमें कभी माफ नहीं करेंगे। अन्नदाता को सड़कों पर न सोने दें और न ही भूखा मरने दें।” विधेयक का पारित होना देश के लाखों लोगों के लिए और लोकतंत्र के लिए एक दुखद दिन है। लोकतंत्र का अर्थ है आम सहमति न कि बहुसंख्यक उत्पीड़न।
राष्ट्रपति के पास जाएंगे तीनों विधेयक राज्यसभा में विपक्ष के लगातार विरोध के बीच कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 पारित कर दिया गया है। अब इन विधेयकों को स्वीकृति के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। इन विधेयकों के विरोध में पिछले दिनों शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह लगातार इस्तीफे की मांग कर रहे थे। अब वे कह रहे हैं कि अगर बादल को किसानों का चिन्ता है तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से नाता तोड़ें।