scriptहरियाणा में अनिवार्य विषय नहीं बनेगी पंजाबी | Punjabi language will not be compulsory subject in Haryana | Patrika News
चंडीगढ़ पंजाब

हरियाणा में अनिवार्य विषय नहीं बनेगी पंजाबी

हुड्डा सरकार में मिला था दूसरी भाषा का दर्जा, सदन के भीतर और बाहर कई माह से उठ रही मांग, प्रदेश सरकार ने किसी भी योजना से किया इनकार

चंडीगढ़ पंजाबDec 29, 2015 / 03:16 pm

युवराज सिंह

haryana

haryana

चंडीगढ़। हरियाणा राज्य के स्कूलों में पंजाबी भाषा को अनिवार्य विषय के रूप में लागू नहीं किया जाएगा। वर्तमान हालातों में हरियाणा सरकार ने ऐसी किसी भी योजना को अमल में लाने के विषय के ठंडे बस्ते में डाल दिया है। पंजाब के विस्तार के बाद अस्तित्व में आए हरियाणा में पंजाबी भाषा को प्रमुखता से लागू किए का मुद्दा लंबे समय से चल रहा है।

पंजाब के स्कूलों में इस समय पंजाबी व हिंदी अनिवार्य विषय के रूप में लागू है, जबकि हरियाणा में पंजाबी विषय वैकल्पिक विषय के रूप में पढ़ाया जा रहा है। हरियाणा में कुरूक्षेत्र, पिहोवा, सिरसा, रतिया आदि समेत करीब 20 विधानसभा क्षेत्र पूर्ण रूप से पंजाबी बाहुल क्षेत्र हैं। हरियाणा का पंजाब के साथ अन्य मुद्दों के अलावा पंजाबी बोलते इन क्षेत्रों को लेकर भी विवाद चल रहा है। इस विवाद के बीच हरियाणा की पूर्व हुड्डा सरकार ने राज्य में पंजाबी भाषा को दूसरी भाषा का दर्जा प्रदान किया था।

हुडडा सरकार के कार्यकाल के दौरान हरियाणा में पहली बार प्रदेश के सभी शहरों में दिशा-सूचक बोर्डों पर गंत्तव्य स्थान के नाम पंजाबी भाषा में लिखने के अलावा, सरकारी अधिकारियों, मंत्रियों आदि की नाम पट्टिका भी पंजाबी भाषा में लिखे जाने की परंपरा शुरू की गई थी।

हुड्डा सरकार के कार्यकाल में प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बकायदा पंजाबी भाषा के अध्यापकों की नियुक्तियों की प्रक्रिया भी चली लेकिन आजतक राज्य के सैकड़ों सरकारी स्कूल पंजाबी अध्यापकों से वंचित हैं। दूसरी तरफ हरियाणा के कई सिख एवं पंजाबी संगठन कई माह से पंजाबी विषय को अनिवार्य विषय के रूप में लागू किए जाने की मांग उठा रहे हैं। सिख संगठनों का दावा है कि हरियाणा प्रांत कई तरफ से पंजाब से घिरा हुआ है। हरियाणा का गठन पंजाब के विस्तार के बाद हुआ है। वर्ष 1966 से पहले हरियाणा संयुक्त पंजाब का हिस्सा था। इसी के आधार पर पंजाबी समुदाय के लोग हरियाणा के स्कूलों में पंजाबी भाषा को अनिवार्य विषय के रूप में लागू किए जाने की मांग उठा रहे हैं। पिछले साल विधानसभा चुनाव के दौरान भी तत्कालीन हुड्डा सरकार ने इस दिशा में ठोस कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया था।

अब मौजूदा सरकार ने आगामी शिक्षा सत्र के दौरान प्रदेश के स्कूलों में पंजाबी भाषा को अनिवार्य विषय के रूप में लागू किए जाने की योजना पर स्थिति स्पष्ट करते हुए इससे हाथ पीछे खींच लिया है। हालही में हुए विधानसभा सत्र के दौरान जींद के विधायक हरिचंद मिढ्ढा ने भी इस संबंध में मांग उठाई थी लेकिन सरकार ने साफ कर दिया है कि वर्तमान हालातों को देखते हुए सरकार पंजाबी विषय को अनिवार्य विषय के रूप में लागू नहीं करेगी।
 
पंजाबी को वैकल्पिक विषय के रूप में ही जारी रखा जाएगा। सरकार का मानना है कि पंजाबी भाषा को अनिवार्य विषय के रूप में लागू किए जाने से पहले सभी स्कूलों में पंजाबी भाषा के अध्यापकों की नियुक्ति अनिवार्य होगी। इसके अलावा स्कूली बच्चों को पंजाबी पढ़ाए जाने के लिए अध्यापकों के लिए भी बुनियादी ढांचा मुहैया करवाना भी जरूरी होगी। जिससे न केवल सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा बल्कि सरकार को भी कड़ी प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा।

Hindi News / Chandigarh Punjab / हरियाणा में अनिवार्य विषय नहीं बनेगी पंजाबी

ट्रेंडिंग वीडियो