मारुति ने दर्ज की 33 % की गिरावट-
फिलहाल मारुति की बात करें तो जुलाई महीने की बिक्री रिपोर्ट जारी करते हुए कंपनी ने 33.05 फीसदी की गिरावट की बात कही है। जुलाई महीने में कंपनी ने महज 1,09,264 यूनिट कारें ही बेची हैं जो कि 2012 के बाद से अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। आपको मालूम हो कि कंपनी ने जुलाई 2018 में 1,64,369 कारें बेचीं थीं।
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एंट्री लेवल कारों की बिक्री में सबसे ज्यादा कमी-
कार सेगमेंट | बिक्री जुलाई 2019 | जुलाई 2018 |
एंट्री लेवल छोटी कारें | 11,577 यूनिट | 37,710 यूनिट |
mpv / यूटिलिटी कारें | 15,178 यूनिट | 24,505 यूनिट |
कॉम्पैक्ट सेगमेंट | 57,512 यूनिट | 74,373 यूनिट |
सेगमेंट के हिसाब से बात करें तो जुलाई के महीने में कंपनी की सबसे ज्यादा बिकने वाली कारों में शुमार Alto और Wagon r कारों की महज 11,577 यूनिट्स ही बिकीं जबकि पिछले साल जुलाई में इन कारों की 37,710 यूनिट्स बिकीं थीं। यानि छोटी कारों के सेगमेंट में कंपनी को पूरे 69.3 फीसदी का झटका लगा है।
वहीं कॉम्पैक्ट कार सेगमेंट में आने वाली Swift, Celerio, Ignis, baleno और Dzire जैसी कारों के मामले में कंपनी को 22.7 फीसदी का घाटा हुआ है। इस साल इन कारों की मात्र 57,512 यूनिट्स ही बिकी है जबकि पिछले साल ये संख्या 74,373 थी। वहीं mpv जैसे यूटिलिटी व्हीकल्स की बिक्री में भी 38 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है। इस साल इस सेगमेंट में आने वाली Vitara Brezza, S-Cross और Ertiga जैसी कारों की 15,178 यूनिट्स ही बिकीं है जबकि पिछले साल इस सेगमेंट में 24,505 यूनिट्स की बिक्री हुई थी।
बजाज ऑटो की बिक्री में भी कमी-
मारुति अकेली कंपनी नहीं है जिसकी बिक्री में कमी हुई है। बजाज ऑटो ने भी बिक्री में गिरावट की बात कही है जिसके बाद कंपनी की शेयर वैल्यू काफी कम हो गई है। बजाज ऑटो का कहना है कि पिछले साल की तुलना में इस साल कंपनी को पूरे 5 फीसदी की गिरावट का सामना करना पड़ रहा है। जुलाई महीने में इस साल कंपनी ने 3.81 लाख वाहन बेचे हैं।
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बढ़ सकती है गिरावट-
ऑटोमोबाइल सेक्टर की मंदी के बारे में बात करते हुएsociety of Indian Automobile Manufacturers ( SIAM) ने हालात और भी खराब होने की बात कही है। दरअसल मोटर व्हीकल एक्ट के राज्यसभा में पास होने के बाद सरकार गाड़ियों पर रजिस्ट्रेशन फीस को 10-20 फीसदी बढ़ाने की योजना बना रही है। जिसकी वजह से घरेलू बाजार में कार और मोटरसाइकिलों की बिक्री पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा ।