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Stock Market Crash: Sensex 1400 अंक लुढ़का, Nifty 23,000 के नीचे, Trump 2.0 और कमजोर नतीजों ने बढ़ाई बेचैनी

Stock Market Crash: आज 21 जनवरी मंगलवार को भारतीय शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स और निफ्टी, दोनों सूचकांक 1% से अधिक गिरावट के साथ बंद हुए है।

मुंबईJan 21, 2025 / 03:49 pm

Ratan Gaurav

Stock Market Crash 21 January

Stock Market Crash 21 January

Stock Market Crash: आज 21 जनवरी मंगलवार को भारतीय शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स और निफ्टी, दोनों सूचकांक 1% से अधिक गिरावट के साथ बंद हुए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीतियों और कमजोर तिमाही नतीजों ने निवेशकों की चिंताएं बढ़ा दीं। विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की निरंतर बिकवाली ने बाजार पर अतिरिक्त दबाव डाला। बीएसई सेंसेक्स 1,431.57 अंक या 1.89% गिरकर 75,641.87 पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी 367.9 अंक या 1.60% की गिरावट के साथ 22,976.85 पर पहुंच गया।
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गिरावट के प्रमुख कारण (Stock Market Crash)

1. ट्रंप की टैरिफ नीतियां

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को ओवल ऑफिस से ब्रिक्स देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे यदि डॉलर पर अपनी निर्भरता कम करने की कोशिश करेंगे, तो उन्हें 100% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। ट्रंप ने कनाडा और मैक्सिको से आयात पर भी 25% शुल्क लगाने की घोषणा की है, जो फरवरी से लागू होगा।
2. ट्रंप की नीतियों के कारण व्यापारिक दबाव

भारत, जो ब्रिक्स का एक प्रमुख सदस्य है, इन नीतियों के कारण व्यापारिक दबाव का सामना कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की नीतियां भारतीय बाजार के लिए एक बड़ा अनिश्चित कारक बनी हुई हैं। मेहता इक्विटीज के शोध प्रमुख प्रशांत तापसे ने कहा, “ट्रंप की टैरिफ नीतियां भारतीय बाजार के लिए वाइल्डकार्ड बनी हुई हैं। इससे निवेशकों में सतर्कता देखी जा रही है।
3.कमजोर तिमाही नतीजे

दिसंबर तिमाही के कमजोर परिणामों ने भी बाजार में गिरावट को तेज किया। डिक्सन टेक्नोलॉजीज के शेयर 14% तक गिर गए, क्योंकि कंपनी ने तिमाही लाभ और राजस्व में गिरावट दर्ज की। जोमैटो के शेयर भी 9% गिरे, क्योंकि ब्लिंकिट के विस्तार से कंपनी की लाभप्रदता पर असर पड़ा। रियल एस्टेट क्षेत्र की प्रमुख कंपनी ओबेरॉय रियल्टी के शेयर 7.6% तक लुढ़क गए। कमजोर परिणामों ने प्रमुख क्षेत्रों में विकास की चिंता बढ़ा दी है, जिससे निवेशकों का भरोसा कमजोर हुआ है।
4. जापान के केंद्रीय बैंक की ब्याज दर नीति

जापान के केंद्रीय बैंक (BOJ) द्वारा ब्याज दर बढ़ाने की संभावना ने भी वैश्विक बाजारों (Stock Market Crash) में घबराहट बढ़ा दी। यदि बैंक ब्याज दर बढ़ाता है, तो वैश्विक बाजार में उधारी की लागत पर इसका असर पड़ सकता है।
5. विदेशी निवेशकों की बिकवाली

विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली भारतीय बाजारों (Stock Market Crash) के लिए चिंता का कारण बनी हुई है। जनवरी में अब तक विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से ₹50,000 करोड़ से अधिक की निकासी कर चुके हैं। मोतिलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के उपाध्यक्ष रुचित जैन ने कहा, “विकल्प बाजार अस्थिरता सूचकांक (VIX) में आज 5% से अधिक की बढ़ोतरी हुई है, जो आगामी बजट के कारण बढ़ती अनिश्चितता को दर्शाता है।”

नुकसान उठाने वाले शेयर

सेंसेक्स के 30 शेयरों में जोमैटो, अदानी पोर्ट्स, कोटक महिंद्रा बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एनटीपीसी, भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और भारती एयरटेल प्रमुख गिरावट (Stock Market Crash) वाले शेयर रहे।

तकनीकी दृष्टिकोण

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य बाजार रणनीतिकार आनंद जेम्स ने कहा, निफ्टी के लिए 23,140 का स्तर एक महत्वपूर्ण समर्थन रहा, लेकिन 23,370/90 के स्तर को पार करने में असफलता ने बाजार (Stock Market Crash) को कमजोर बनाए रखा। अगर बाजार 23,330 के स्तर से ऊपर बना रहा, तो 23,550-23,640 तक की उम्मीद की जा सकती है। अन्यथा, बाजार 23,268/48 तक गिर सकता है।
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मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों पर प्रभाव

छोटे और मझोले शेयरों (Stock Market Crash) में भी भारी गिरावट देखने को मिली। निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांक 2.27% गिरा, जबकि मिडकैप 100 में 2.20% की गिरावट दर्ज की गई।

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