अमेरिकी बॉन्ड यील्ड का प्रभाव (Share Market Today)
अमेरिका में बॉन्ड यील्ड (U.S. Treasury Yield) में वृद्धि ने वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बढ़ाई है। इसके परिणामस्वरूप, उभरते बाजारों (Share Market Today) से विदेशी निवेशकों ने पूंजी निकालना शुरू कर दिया है। इसका सीधा असर भारतीय शेयर बाजार (Share Market Today) पर पड़ा। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) लगातार बिकवाली कर रहे हैं, जिससे बाजार में कमजोरी बनी हुई है।साल 2024 की परफॉर्मेंस
इस साल अब तक निफ्टी और सेंसेक्स क्रमश 8.8% और 8.3% की बढ़त दर्ज कर चुके हैं। हालांकि, यह वृद्धि 2023 के लगभग 20% के उछाल के मुकाबले काफी कम है। कॉरपोरेट कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजे और विदेशी बिकवाली के दबाव ने इस साल बाजार की गति को धीमा किया।Adani Wilmar में 7% की गिरावट
अदाणी ग्रुप की कंपनी अदाणी विल्मर (Adani Wilmar) के शेयर मंगलवार को बाजार खुलते ही 7% तक गिर गए। यह गिरावट (Share Market Today) कंपनी के प्रमोटर गौतम अदाणी द्वारा अपनी 44% हिस्सेदारी बेचने की खबरों के चलते आई। अदाणी विल्मर में हिस्सेदारी बिक्री की खबरों ने निवेशकों में बेचैनी बढ़ाई है, जिससे भारी बिकवाली हुई।विदेशी और घरेलू निवेशकों का रुख
सोमवार को विदेशी निवेशकों (FIIs) ने 240.45 अरब रुपए (लगभग 2.8 मिलियन डॉलर) के शेयर बेचे। यह लगातार 10वें दिन की बिकवाली थी। दूसरी ओर, घरेलू निवेशकों ने 9वें दिन भी खरीदारी जारी रखी और बाजार को सहारा देने का प्रयास किया। हालांकि, विदेशी निवेशकों (Share Market Today) की भारी बिकवाली के चलते बाजार में दबाव कायम रहा।सोमवार की बाजार की स्थिति
सोमवार को बाजार (Share Market Today) में गिरावट का प्रमुख कारण अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में वृद्धि और 2025 में फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं में कमी थी। इससे विदेशी निवेशकों की बिकवाली बढ़ी और बाजार का सेंटीमेंट कमजोर हुआ। बीएसई सेंसेक्स सोमवार को 450.94 अंक या 0.57% की गिरावट के साथ 78,248.13 पर बंद हुआ। इसी तरह, निफ्टी-50 (Nifty-50) 168.50 अंक या 0.71% की गिरावट लेकर 23,644.90 पर बंद हुआ।सेक्टोरल प्रदर्शन
बैंकिंग और फाइनेंशियल शेयरों में सबसे ज्यादा दबाव देखा गया। मेटल और आईटी सेक्टर भी नुकसान में रहे। अदाणी विल्मर के अलावा अदाणी ग्रुप की अन्य कंपनियों के शेयरों में भी गिरावट देखी गई। वहीं, फार्मा और एफएमसीजी सेक्टर में कुछ हद तक स्थिरता रही।आगे की उम्मीदें
विश्लेषकों का मानना है कि भारतीय शेयर बाजार (Share Market Today) पर अंतरास्ट्रीय संकेतों का दबाव बना रहेगा। अगर विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी रहती है, तो बाजार में और गिरावट आ सकती है। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे अपने पोर्टफोलियो में सतर्कता बरतें और केवल मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों में निवेश करें।निवेशकों के लिए सुझाव
विदेशी बिकवाली के दौर में सतर्कता बरतें।लंबी अवधि के लिए मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों में निवेश करें।
अंतरास्ट्रीय बाजारों के संकेतों पर नजर रखें।