कितनी हो सकती है बढ़ोतरी
खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में लगातार सातवें महीने बढ़ते हुए आठ साल के उच्चतम स्तर 7.79 प्रतिशत पर पहुंच गई है। थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति 13 महीने से दो अंक में बनी हुई है। विशेषज्ञ रेपो दर में और बढ़ोतरी का अनुमान जता रहे हैं। ऐसी अटकलें हैं कि इस बार की समीक्षा में दरों में कम से कम 0.35 प्रतिशत की और बढ़ोतरी हो सकती है।
अब महंगाई की महामारी: HDFC ने एक माह में चौथी बार बढ़ाई ब्याज दर, EMI का बढ़ना तय
एचडीएफसी ने बढ़ाई ब्याज दरें
आरबीआई की मौद्रिक नीति से पहले ही देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक एचडीएफसी ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी है। बैंक ने घोषणा की है कि उसने अपनी बेंचमार्क उधार दर में 35 आधार अंकों यानी बेसिस प्वाइंट की वृद्धि की है। इसके बाद बैंक के नए और मौजूदा उधारकर्ताओं के लिए ईएमआई का बोझ बढ़ना तय माना जा रहा है। बता दें, एक बेसिस प्वाइंट एक प्रतिशत अंक का सौवां हिस्सा होता है।
पिछले महीने 0.40 प्रतिशत हुई बढ़ोतरी
केंद्रीय बैंक (RBI) ने पिछले महीने 4 मई को ब्याज दरों में मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में रेपो दर में 0.40 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थीं। उसी समय गवर्नर शक्तिकांत दास ने आगामी समीक्षा में दरों में वृद्धि जारी रखने के संकेत दिए थे। उन्होंने कहा कि रेपो दर में वृद्धि तो होगी, लेकिन यह 0.25-0.35 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी।