इसके पहले बैंक मई में 35 बेसिस प्वाइंट की कर चुका है बढ़ोतरी बता दें, यह तीसरी बार है जब एचडीएफसी ने पिछले एक महीने में अपने आरपीएलआर में बढ़ोतरी की है। इसके पहले मई में बैंक ने कुल 35 बीपीएस के लिए दो बार दरों में बढ़ोतरी की थी। इसके बाद एक जून को 0.05 प्रतिशत की बढ़ोतरी आरपीएलआर में की गई थी। इसके बाद अब 7 जून को आरबीआई की पॉलिसी जारी होने के ठीक पहले बैंक ने फिर से MCLR में 35 बेसिस प्वाइंट दरों में बढ़ोतरी कर दी है।
सीमांत लागत में 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी 7 जून से लागू महीने में चौथी बार भारत के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के ऋणदाता एचडीएफसी बैंक ने फंड आधारित उधार दरों यानी एमसीएलआर की अपनी सीमांत लागत में 0.35 प्रतिशत या 35 आधार अंकों की वृद्धि की है, जो 7 जून से प्रभावी हो गई है। एमसीएलआर दरों में वृद्धि के साथ, ईएमआई का बोझ ( आवास, वाहन और व्यक्तिगत ऋण सहित विभिन्न ऋणों पर ईएमआई) बढ़ना तय माना जा रहा है। बता दें भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा मई 2022 के पहले सप्ताह में रेपो दर में 40 आधार अंकों की वृद्धि के बाद से एचडीएफसी बैंक द्वारा उधार दर में यह चौथी वृद्धि है।
तीन वर्षीय एमसीएलआर को बढ़ाकर किया गया 8.05 प्रतिशत इसके पहले आरबीआई द्वारा पॉलिसी रेपो रेट में बढ़ोतरी के फैसले के कुछ ही दिनों बाद, 7 मई को एचडीएफसी बैंक ने एमसीएलआर में 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी की थी। एचडीएफसी बैंक की वेबसाइट पर अपडेट किए गए आंकड़ों के अनुसार, रातोंरात एमसीएलआर को 7.15 प्रतिशत से बढ़ाकर अब 7.50 प्रतिशत कर दिया गया है। एक महीने की अवधि के लिए एमसीएलआर को 7.20 प्रतिशत की पूर्व दर से बढ़ाकर 7.55 प्रतिशत कर दिया गया है। तीन महीने के कार्यकाल के लिए एमसीएलआर को बढ़ाकर 7.60 फीसदी कर दिया गया है। छह महीने के कार्यकाल के लिए, संशोधित एमसीएलआर 7.70 प्रतिशत है। एक साल की एमसीएलआर को बढ़ाकर 7.85 प्रतिशत कर दिया गया है। बता दें, उपभोक्ता ऋण का बड़ा हिस्सा एक वर्षीय एमसीएलआर से जुड़ा है। साथ ही दो वर्षीय एमसीएलआर को बढ़ाकर 7.95 प्रतिशत कर दिया गया है, और तीन वर्षीय एमसीएलआर को संशोधित कर 8.05 प्रतिशत कर दिया गया है।