समकक्ष देशों से अच्छी ग्रोथ की आस रेटिंग एजेंसी ने कहा, “हम मौजूदा रेटिंग के अनुरूप उम्मीद करते हैं कि अच्छी क्रेडिट साथ के साथ भारत अपने समकक्ष देशों की तुलना में मजबूत वृद्धि दर्ज करेगा।” साथ ही फिच ने वित्त वर्ष 2013 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर के 7.8% के मजबूत स्तर पर रहने का अनुमान लगाया है। हालांकि, यह ग्रोथ रेट वैश्विक कमोडिटी कीमतों के झटके के कारण मार्च में इसके 8.5% पूर्वानुमान से कम है। एजेंसी के अनुसार, यह आशंका सकारात्मक विकास गति को कुछ कम कर रहा है।
भारत में आएगा निवेश फिच के द्वारा भारत की इस रेटिंग को रिवाइज किए जाने के बारे में जयपुर के जाने-माने शेयर मार्केट और निवेश सलाहकर, निदेशक मवेरिक शेयर ब्रोकिंग फर्म से मुकेश जैन ने बताया कि ग्रोथ रेट का कम किया जाना उतनी चिंता की बात नहीं है, जितना कंपनी के द्वारा भारत के बारे में आउटलुक का सुधार किया जाना। मुकेश जैन ने पत्रिका को बताया कि भारत की रेटिंग को निगेटिव से स्टेबल किया जाना एक अर्थव्यवस्था के लिए एक शुभ संकेत है। युद्ध को देखते हुए ग्रोथ के अनुमान का निगेटिव किया जाना कोई हैरानी की बात नहीं है, लेकिन फिच एजेंसी के द्वारा आउटलुक को स्टेबल किया जाना भारत की ग्रोथ और सुधार के कदमों पर मुहर है। दुनिया भर के वैश्विक संस्थान इस रेटिंग को देखने के बाद में भारत में दीर्घकालनी निवेश के बारे में फैसले लेते हैं।
ग्रोथ रेट कम किया जाना अनुमान के अनुकूल निवेश सलाहकार मुकेश जैन ने बताया कि रेटिंग एजेंसी Fitch Ratings द्वारा 2022-23 में भारत के आर्थिक विकास दर के अनुमान को 8.5 फीसदी से घटाकर 7.8 फीसदी किया जाना अनुमान के अनुकूल ही है। वैश्विक हालात में सभी देश इस तरह के तात्कालिक मुद्दों से जूझ रहे हैं। इससे पहले विश्व बैंक ( World Bank) ने भी 2022-23 में भारत के आर्थिक विकास दर ( Economic Growth Rate) के अनुमान को घटा दिया था। विश्व बैंक ने कहा था कि मौजूदा वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर 7.5 फीसदी रह सकती है। पहले विश्वबैंक ने 8.7 फीसदी ग्रोथ रेट रहने का अनुमान जताया था। यानि विश्व बैंक ने अपने अनुमान में 1.2 फीसदी की कटौती की है। यही नहीं, हाल के दिनों में सभी रेटिंग एजेंसी समेत संस्थाओं ने बढ़ती महंगाई ( Rising Inflation) , सप्लाई चेन में रूकावट ( Supply Chain Disruption) और वैश्विक तनाव ( Global Tension) के चलते भारत आर्थिक विकास दर के अनुमान को घटाया है। जैन ने कहा, ये सभी देशों के साथ हो रहा है।