मुकेश अंबानी अपने काम को लेकर बेहद अनुशासित है। वो चाहे तो आराम से घर में बैठकर भी अपना कारोबार कर सकते हैं। लेकिन वो हर रोज बिल्कुल समय से दफ्तर जाते हैं और देर रात तक अपना काम निपटाने के बाद ही कुछ और करते हैं। उनके इसी अनुशासन की आदत उन्हें कभी थकने नहीं देती। आपको भी जीवन में आगे बढ़ना है तो इसको अभी से अपनी आदत में शुमार कर लें।
आज के दौर में हम अपने बुजुर्गों की बात को अनदेखा कर देते हैं। लेकिन मुकेश अंबानी ऐसे शख्स है जिन्होनें अपने की पिता की एक बात पर अपनी पढ़ाई बीच छोड़ कर भारत लौट आए थे और कारोबार संभाला था। मुकेश अंबानी अक्सर अपनी स्पीच और इंटरव्यू में अपनी पिता की बातों को कोट करते हैं। उनके मुताबिक, अपने पिता से सीखी बातों के चलते ही वह देश के सबसे अमीर शख्स बनकर उभरे। इसलिए अपने बुजुर्गों की बात का हमेशा पालन करें
आपको 500 रुपए का पहला मोबाइल फोन याद होगा। ये ऐसा दौर था जब मुकेश अंबानी ने सबसे सस्ता फोन लांच करके भारत के हर आदमी के हाथ में मोबाइल फोन का सपना पूरा किया था। मुकेश जो भी करते हैं बड़ा करते हैं। उनके इसी सोच ने उन्हें भीड़ से अलग खड़ा किया। आपको भी जीवन में कुछ बड़ा करना है तो पहले अपनी सोच का दायरा बढ़ाना होगा।
मुकेश अंबानी की सफलता के पीछे सबसे बड़ा राज है कि उन्हें पता है कि कब क्या करना है। जबकि हममें से अक्सर लोगों को यह पता नही होता कि किस काम को कब करना है। एक निर्धारित लक्ष्य के बगैर आप सफलता तक नहीं पहुंच सकते।
आप जो भी काम कर रहे हों लेकिन सोच सकारात्मक रहना बेहद जरूरी है। क्योंकि आपके आस-पास कई ऐसे लोग है तो आपको निगेटिव करने के लिए तत्पर रहेंगे। लेकिन यही आपके परीक्षा की घड़ी है। जिसे पार पा कर ही आप सफल हो सकते हैं।