यह पहाड़ी है जिला मुख्यालय से 7 किमी दूर लालबाग में बाल गजानंद महाराज मंदिर के पास की है। जहां 3000 पौधे लगाए गए थे। इनमें से 2500 पौधे अब भी यहां जिंदा है। यहां के युवाओं की मेहनत पर्यावरण को बचाने में एक मिसाल कायम हुई है।
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ऐसे संरक्षित किए गए पौधे
मनोज तिवारी बताते हैं, सिंचाई के लिए पानी यहां तक लाना मुश्किल था। साधन नहीं थे। युवाओं की टीम ने पहले तो नीचे निजी कुएं से केन भरकर ऊपर तक ले गए। बाद में समाजसेवियों ने मोटर की व्यवस्था करा दी। फिर बिजली नहीं थी, तो सोलर ऊर्जा की व्यवस्था हुई। पहाड़ पर पानी रहे, इसलिए छोटे छोटे 10 से 12 जगह जेसीबी से गड्ढे कर पानी जमा किए। इसी पानी से पौधों को सींचा। देखते ही देखते पहाड़ी पर फिर से हरियाली लौट आई।
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