जानकारी अनुसार कस्बे के रामसागर झील के सौन्दर्यकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा 15 करोड रुपए स्वीकृत किए गए थे जिसका एस्टीमेट व डीपीआर दिल्ली की संस्था द्वारा बनाया गया था, लेकिन प्रथम फेज में संवेदक द्वारा टेंडर अधिक राशि में डाल देने के कारण विभाग की तकनीकी कमी के चलते टेंडर निरस्त कर दिए थे, जिसका मामला राजस्थान पत्रिका ने लगातार उठाने के बाद निर्माण विभाग द्वारा दोबारा टेंडर जारी हुए एवं एक संवेदक नाम टेंडर खुल गए, लेकिन वर्क आर्डर जारी नहीं हो पाया। जबकि निर्माण विभाग के पास सौंदर्यकरण के साढ़े 4 करोड रुपए पूर्व में हस्तांतरित हो चुके हैं।
निर्माण विभाग के अधिकारिक सूत्रों की माने तो जयपुर के मुय अभियंता ने जारी आदेश पर कार्य से पहले पंचायती राज विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने को कहा एवं उसके बाद का कार्य शुरू करने को कहा, लेकिन यहां पर अनापत्ति प्रमाण पत्र के अभाव में झील के सौंदर्यकरण का कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है।
प्रदेश उपाध्यक्ष को दिया ज्ञापन
यहां पर रामसागर झील संरक्षण समिति की पदाधिकारियों ने भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष प्रभुलाल सैनी को ज्ञापन देकर रामसागर झील के सौन्दर्यकरण का कार्य शुरू करवाने के लिए पंचायत राज से एनओसी दिलाने की मांग की है। पदाधिकारियों ने कहा कि झील का निर्माण कार्य एक वर्ष पूर्व होना था, लेकिन एनओसी के चक्कर में एक साल देरी हो गई है।
साइकिल ट्रैक का निर्माण होगा
यहां पर सौन्दर्यकरण के लिए साइकिल ट्रैक का निर्माण होगा, जो काली दांतया से शुरू होगा, रघुनाथ घाट होते हुए पाळ बाग पर पहुंचते हुए बालाजी की डूंगरी नीचे से मोरी तक बनेगा। साइकिल ट्रैक के किनारे जगह पर जिम के उपकरण लगाए जाएंगे। इसके अलावा पाळ पर चौपाटी, फव्वारे फसाड़ लाइटें लगाई जाएगी। तेजाजी चौक पर गार्डन विकसित किया जाएगा। झील के टापू पर श्रीराम की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इसके अलावा बोटिंग के लिए प्लेटफार्म पुराने बगीचे को विकसित किया जाएगा सहित नई विकास कार्य होंगे।
पंचायती राज विभाग की एनओसी के इंतजार में है। अनापत्ति प्रमाण मिलते ही कार्य शुरू करवा दिया जाएगा। कई बार पत्र व्यवहार किया गया है, लेकिन स्वीकृति नहीं मिल रही है।
मुकेश मुडइया, अधिशासी अभियंता सार्वजनिक निर्माण नैनवां।