झालीजी का बराना. कस्बे के निकट चौतरा का खेड़ा गांव के बांके बिहारी मंदिर परिसर में शुक्रवार से सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा प्रारंभ हुई। भागवत कथा प्रचार संघ वृंदावन के तत्वावधान में पंचों द्वारा आयोजित कथा प्रतिदिन दोपहर एक बजे से सांय 4 बजे तक आयोजित की जा रही है। समाजसेवी भंवर ङ्क्षसह हाड़ा ने बताया कि कथा के प्रथम दिन शुक्रवार को कलश यात्रा, गणेश पूजन व भागवत महातम्य का आयोजन हुआ। वहीं कथा के दूसरे दिन शनिवार को सुखदेव मुनी का जन्म, गंगा तट पर राजा परीक्षित का सुखदेव से कथा का श्रवण करना, विष्णु भगवान के बारह अवतार, मनु सतरूप अवतार आदि का वाचन किया गया। इस दौरान पंडित रामावतार राजगुरू ने बताया कि भागवत कथा सब ग्रंथों का सार है, इसके नियमित श्रवण व पठन करने से व्यक्ति सद्कर्म पर चलते हुए भवसागर पार हो जाते है। कथा का समापन 28 दिसम्बर शनिवार को होगा।
नोताडा. कस्बे में स्थित जाट समाज के रघुनाथजी महाराज मठ मंदिर पर चल रही भागवत कथा के तीसरे दिन कथावाचक सूर्यप्रकाश गौतम ने पतिव्रता धर्म के बारे में बताते हुए कहा की यह हमारा वैदिक संस्कार है। इस संसार में कई पतिव्रता नारियों ने जन्म लिया है जिनका आज भी नाम अजय अमर है। जो स्त्री पतिव्रता धर्म का पालन करती है उस घर में आज भी अन्न धन्न की कमी नहीं मिलती है। पति की सेवा ही पत्नी का प्रथम कर्म होता है । कथा के दौरान भजन सुनाए तो महिलाएं भाव विभोर होकर भजनों पर नृत्य करती रही।
गोठड़ा. मेण्डी में स्थित बावडी वाले बालाजी मंदिर परिसर में शनिवार से शुरू हुई श्री राम कथा के लिए कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा मंदिर परिसर से शुरू हुई। कलश यात्रा में 51 महिलाओं ने मंगल कलश धारण कर रखे थे। यात्रा गांव के प्रमुख मार्गो से होते हुए वापस मंदिर परिसर में पहुंची। जहां पर अविचल दास महाराज ने कथा वाचन करते हुए कहा कि भगवान राम को कण-कण में रमण करने वाली शक्ति बताया और कहा कि जो व्यक्ति भगवान राम की कथा का श्रवण करता है, वह भवसागर से पार हो जाता है। उन्होंने आगे बताया कि प्रभु की कथा सुनने का महत्व अत्यधिक है और इसका महत्व ऋषि अगस्त्य जी के आश्रम में भगवान भोलेनाथ के कथा श्रवण करने से स्पष्ट होता है। उन्होंने कहा कि रामनवमी जीवन का आधार है। कथा के अंत में महिलाओं ने कथा की आरती उतारी।