बाद में मंडी सचिव किसानों के पास पहुंचे। जहां किसानों के साथ मंगलवार को वार्ता कर मंडी प्रशासन, किसानों, व्यापारी एवं चावल मिलों के प्रतिनिधियों के साथ संयुक्त बैठक होगी। जिसमें किसानों की समस्याओं पर चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा। युवा किसान नेता गिर्राज गौतम ने कहा कि किसान मंडियों में लूट रहा है। किसानों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। किसान फसल को ओने पोने दामों पर बेचने के लिए विवश है। व्यापारी इसी का फायदा उठा कर किसानों का शोषण कर रहे है।
किसानों को विवश होकर भावों के लिए मंडी गेट पर आंदोलन करना पड़ रहा है। किसानों को उपज का उचित दाम नहीं मिला तो अनिश्चितकालीन मंडी बंद की जाएगी। किसान नेता हरङ्क्षजदर ङ्क्षसह, पुष्पचंद गुर्जर ने कहा की किसानों की मांगे नहीं मानी तो मंडियों को अनिश्चितकाल के लिए भी बंद किया जाएगा। वरिष्ठ किसान नेता दशरथ कुमार ने कहा की बूंदी का बासमती धान पूरी दुनिया में अपनी गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन यहां के किसानों को पंजाब और हरियाणा के किसानों से कम कीमत मिल रही हे। इस मौके सैकड़ों किसानों ने नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। इस मौके पर किसान नेता मनबीर ङ्क्षसह, पुरषोत्तम दाधीच, रामस्वरूप पहाड़, विजेंदर ङ्क्षसह, तेजराज ङ्क्षसह, शिव प्रकाश भाटिया, हरिशंकर नागर, रामावतार मीणा, दिनेश गौतम, धनवीर धागल, जसवंत ङ्क्षसह, आदि किसान नेताओं ने संबोधित किया।
मुस्तैद रहा पुलिस जाप्ता
वहीं किसानों के मंडी गेट के बाहर धरना प्रदर्शन की चेतावनी के बाद सदर थाना पुलिस के सहायक निरीक्षक सहित आरएसी की एक बटालियन मौके पर मौजूद रही। हालांकि किसानों ने यहां पर शांतिपूर्ण ढंग से धरना प्रदर्शन करके मंडी सचिव से वार्ता करके आगे की रणनीति तय की।