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लेकिन जिले में अधिकांश निजी स्कूलों ने अभिभावक शिक्षक समिति का गठन नहीं किया है। समिति के संबंधित सूचना तक विभाग को नहीं दी है। ऐसे में निजी स्कूल फीस निर्धारण शिक्षा विभाग के पास कोई जानकारी नहीं है। जिसके कारण राजस्थान फीस निर्धारण कानून 2016 की कोई पालना नहीं कर रहा है। जिसको लेकर जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक जिला शिक्षा अधिकारी ने सख्त रवैया अपनाते हुए जिले के सभी निजी विद्यालयों में विद्यालय स्तरीय फीस समिति का गठन करने के आदेश जारी करते हुए अधिनियम २०१६ की धारा-६ के अनुसार विद्यालय स्तरीय फीस समिति का गठन पर प्रबंध आगामी शैक्षणिक वर्ष के प्रारम्भ में कम से कम ६ माह पूर्व प्रस्तावित फीस विद्यालय स्तरीय फीस समिति से अनुमोदन कर विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा कर उसकी सुचना जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक में भेजने के आदेश दिए।
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राज्य सरकार की ओर से राजस्थान विद्यालय फीस अधिनियम 2016 और 2017 बनाया है। इसमें प्रत्येक निजी स्कूल को अपने स्कूल में माता-पिता शिक्षक समिति का गठन करना है। इस समिति में निजी स्कूल के प्रधानाचार्य मुखिया, माता-पिता अध्यक्ष और निजी स्कूल का वरिष्ठ अध्यापक सचिव है। इस समिति को प्रत्येक माह बैठक आयोजित करनी है। इस बैठक की सूचना और क्रियान्वयन जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय और उपनिदेशक शिक्षा विभाग को देनी होगी।
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जिन निजी विद्यालयों के संस्था प्रधानो द्वारा विद्यालय स्तरीय फीस समिति का गठन नही किया गया है उन विद्यालयों की लापरवाही के लिए वे खुद जिम्मेदार होगें। स्कूलों की मान्यता रद्ध की जा सकती है।
वर्जन- तेजकंवर- जिला शिक्षा अधिकारी(माध्यमिक)