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माध्यमिक शिक्षा-फीस गठन समिति नही बनाई तो रद्ध होगी मान्यता

जिले के निजी स्कूलों ने अपने यहां जल्द विद्यालय स्तरीय फीस समिति का गठन नहीं किया तो शिक्षा विभाग उनकी मान्यता रद्द कर सकता है।

बूंदीNov 15, 2017 / 03:15 pm

Suraksha Rajora

maadhyamik shiksha-Fees structure will not be created

बूंदी- जिले के निजी स्कूलों ने अपने यहां जल्द विद्यालय स्तरीय फीस समिति का गठन नहीं किया तो शिक्षा विभाग उनकी मान्यता रद्द कर सकता है।
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी आदेश के बाद निजी स्कूलों के संस्था प्रधानों को आदेश जारी जारी किए हैं। जिसमें कहा गया है कि राजस्थान विद्यालय, (फीस का विनिमय अधिनियम )एक जुलाई 2016 से लागू हुआ था। इसके तहत स्कूल के मुखिया को प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत में 30 दिन में माता-पिता अध्यापक संगम का गठन करना जरूरी है। अधिनियम की धारा 4 के अनुसार माता-पिता अध्यापक संगम का गठन होने के बाद विद्यालय स्तरीय फीस समिति का गठन करना होगा। राजस्थान विद्यालय फीस विनिमय 2016 के अनुसार प्रत्येक निजी स्कूल को फीस वृद्धि करने और फीस तय करने के लिए अभिभावक शिक्षक समिति का गठन करना है। इसके माध्यम से फीस का निर्धारण और वृद्धि कर राज्य सरकार को सूचित करना है।

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लेकिन जिले में अधिकांश निजी स्कूलों ने अभिभावक शिक्षक समिति का गठन नहीं किया है। समिति के संबंधित सूचना तक विभाग को नहीं दी है। ऐसे में निजी स्कूल फीस निर्धारण शिक्षा विभाग के पास कोई जानकारी नहीं है। जिसके कारण राजस्थान फीस निर्धारण कानून 2016 की कोई पालना नहीं कर रहा है। जिसको लेकर जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक जिला शिक्षा अधिकारी ने सख्त रवैया अपनाते हुए जिले के सभी निजी विद्यालयों में विद्यालय स्तरीय फीस समिति का गठन करने के आदेश जारी करते हुए अधिनियम २०१६ की धारा-६ के अनुसार विद्यालय स्तरीय फीस समिति का गठन पर प्रबंध आगामी शैक्षणिक वर्ष के प्रारम्भ में कम से कम ६ माह पूर्व प्रस्तावित फीस विद्यालय स्तरीय फीस समिति से अनुमोदन कर विद्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा कर उसकी सुचना जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक में भेजने के आदेश दिए।

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राज्य सरकार की ओर से राजस्थान विद्यालय फीस अधिनियम 2016 और 2017 बनाया है। इसमें प्रत्येक निजी स्कूल को अपने स्कूल में माता-पिता शिक्षक समिति का गठन करना है। इस समिति में निजी स्कूल के प्रधानाचार्य मुखिया, माता-पिता अध्यक्ष और निजी स्कूल का वरिष्ठ अध्यापक सचिव है। इस समिति को प्रत्येक माह बैठक आयोजित करनी है। इस बैठक की सूचना और क्रियान्वयन जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय और उपनिदेशक शिक्षा विभाग को देनी होगी।

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जिन निजी विद्यालयों के संस्था प्रधानो द्वारा विद्यालय स्तरीय फीस समिति का गठन नही किया गया है उन विद्यालयों की लापरवाही के लिए वे खुद जिम्मेदार होगें। स्कूलों की मान्यता रद्ध की जा सकती है।
वर्जन- तेजकंवर- जिला शिक्षा अधिकारी(माध्यमिक)

 

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