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वन खंडों में चल रहा ट्रेंचों का निर्माण, वन विभाग विकसित कर रहा जल संचय तंत्र

घटते जा रहे भूजल स्तर के संकट से समाधान के लिए वन विभाग व्यर्थ बहकर जाने वाले पानी को वन खंडों में ही रोककर भूमि का जल स्तर के बढाने के लिए वनखंडों में जल संचय तंत्र का निर्माण कराना शुरु कर दिया।

बूंदीAug 24, 2020 / 12:03 pm

Narendra Agarwal

वन खंडों में चल रहा ट्रेंचों का निर्माण, वन विभाग विकसित कर रहा जल संचय तंत्र

वन खंडों में चल रहा ट्रेंचों का निर्माण, वन विभाग विकसित कर रहा जल संचय तंत्र

नैनवां. घटते जा रहे भूजल स्तर के संकट से समाधान के लिए वन विभाग व्यर्थ बहकर जाने वाले पानी को वन खंडों में ही रोककर भूमि का जल स्तर के बढाने के लिए वनखंडों में जल संचय तंत्र का निर्माण कराना शुरु कर दिया। राजीव गांधी जल संचय योजना के तहत ट्रेंचों की खुदाई कराने के लिए आठ लाख की लागत से 2600 ट्रेंचों का निर्माण कार्य स्वीकृत है। विभाग ने नैनवां उपखंड में पांच वन खंडों में व्यर्थ बहकर जाने वाले पानी से भूजल स्तर बढाने के लिए वन खंडों में रोकने के लिए राजीव गांधी जल संचय योजना के तहत ट्रेंचों की खुदाई कराने का कार्य कराया जा रहा है। ट्रेचों की खुदाई के कार्य में खर्चा भी कम आने से भूजल स्तर बढाने का कारगर तरीका भी साबित होगा। नैनवां उपखंड के चारो वन खंड ऐसे है जिनका बरसाती पानी व्यर्थ बह जाता है। इनके बरसाती पानी को रोकने के लिए चारों वन खंडों में एसजीटी व सीसीटी प्रकार की ट्रेंचों की खुदाई करवाई जा रही है। एसजीटी ट्रेंचे नैनवां उपखंड के पांचों वन खंड ऐसे है जिनका बरसाती पानी व्यर्थ बह जाता है। वन खंडों में खुदाई जा रही एसजीटी प्रकार की ट्रेंचे दस मीटर लम्बी, दो फीट चौड़ी व दो फीट ही गहरी व सीसीटी प्रकार की ट्रेंचों की लम्बाई पांच मीटर व गहराई एक मीटर तक होगी। एसजीटी ट्रेंच मैदान में व सीसीटी ट्रेंच पहाड़ी ढलान में बनाई जा रही है। जिनमें बरसात का पानी कई दिनों तक ठहर कर भूजल स्तर में बढोतरी के लिए काफी कारगर साबित होगा। वन खंडों में जल संचय के अन्य कोइ्र स्रोत नही होने से वन खंडों में हरियाली पैदा करने के साथ ही वन खंडों में पौधारोपण के लिए उपयोगी बनने के साथ ट्रेंचों में एकत्रित पानी वन्यजीवों की प्यास बुझाने के जलस्रोत के रूप में उपयोगी होगा।

इन वन खंडों में बना रहे ट्रेंचे
वन खंड खानुपरा प्रथम में एक लाख 67 हजार रूपए की राशि से 4860 रङ्क्षनंग मीटर में 486 ट्रेंच, खानपुरा द्वितीय में एक लाख 40 हजार रूपए की राशि से 4100 रनिंग मीटर की 410 ट्रेंच, खनपुरा तृतीय में भी एक लाख 40 हजार की राशि से 4100 रनिंग मीटर की 410 ट्रेंच, कोरमा में एक लाख 60 हजार रूपए की राशि से 4660 रनिंग मीटर में 466 ट्रेंच व सीसोला में 72 हजार 712 रूपए की राशि से 1500 रनंग मीटर में 150 ट्रेंच की खुदाई जारी है। सीसोला के ही वन खंड में पहाड़ी ढलान पर सीसीटी प्रकार की 3500 रंनिग मीटर में सात सौ ट्रेंचों की खुदाई जारी है। जिसके लिए एक लाख 22 हजार रूपए की राशि स्वीकृत है।

क्षेत्रीय वनाधिकारी का कहना
नैनवां के क्षेत्रीय वनाधिकारी धीरेन्द्रसिंह ने बताया कि ट्रेंचों के निर्माण के लिए ऐसे वन खंडों का चयन किया है जिनका बरसाती पानी व्यर्थ बह जाता था। ट्रेंचों के निर्माण से इनमें रूकने वाला पानी भूजल स्तर को चार्ज करने के लिए उपयोग में आएगा। ट्रेचों की खुदाई के कार्य में खर्चा भी कम आने से भूजल स्तर बढाने का कारगर तरीका भी साबित होगा।

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