जानकारी अनुसार सुबह करीब साढ़े छह बजे नीम का खेड़ा निवासी महिला संतोष बाई (48) पत्नी महादेव गुर्जर अपने घर से झरोली माता रोड पर शौच के लिए गई थी। घर के पास ही कुछ दूरी पर 11 केवी विद्युत लाइन का तार टूटकर गिरा हुआ था, जिसकी चपेट में आने से वह कुछ क्षणों में ही जल गई। आशंका जताई जा रही है कि उसे घने कोहरे के कारण रास्ते में टूटकर पड़ा विद्युत तार नजर नहीं आया।
कड़ाके की सर्दी, घना कोहरा व अंधेरा होने से इस हादसे की काफी देर तक किसी को भनक तक नहीं लगी। बाद में यहां से गुजर रहे एक ग्रामीण ने बीच सड़क पर महिला को जलते हुए देखा तो वह घबरा गया तथा सूचना लोगों की दी। जब तक लोग घटनास्थल पर पंहुचे तब तक महिला पूरी तरह जल चुकी थी।
परिजनों ने घटना की सूचना पुलिस, प्रशासन व विद्युत विभाग को दी और क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति बंद करवाई। घटनास्थल पर बूंदी तहसीलदार अर्जुन लाल मीणा, नायब तहसीलदार बलवीर सिंह राजावत, पुलिस वृताधिकारी अरुण कुमार , सदर थाना प्रभारी रमेशचंद आर्य, विद्युत विगम के अभियंता लवनीत सिंह हाड़ा व महेश यादव पहुंचे तथा हादसे की जानकारी ली।
ग्रामीणों ने जाम लगाया
हादसे की सूचना मिलते ही गुस्साए ग्रामीणों ने बूंदी-चित्तौड़ मार्ग पर जाम लगा दिया। लोगों में इस बात को लेकर गुस्सा था कि सूचना के बाद भी काफी समय तक प्रशासन मौके पर नहीं पंहुचा। लोगों में विद्युत विभाग के खिलाफ भी लाइनों की उचित देखरेख नहीं करने को लेकर काफी रोष था। बाद में मौके पर पंहुचे पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने समझाइश कर जाम खुलवाया।
मां की ममता से वंचित हुए तीन मासूम
हादसे ने तीन बच्चों के सिर से मां की ममता का साया छीन लिया। हादसे में जान गंवाने वाली महिला के 16-17 साल की दो बेटियां तथा 14 साल का एक बेटा है। मृतक महिला का पति भी वर्तमान में किसी मामले में न्यायिक हिरासत में है।
महिला की मौत के बाद बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी बुजुर्ग दादा दादी पर आ गई है। हादसे की सूचना पर मृतक महिला के पीहर गुढ़ानाथावतान पंचायत के शाहीपुरा गांव में भी मातम छा गया।