सूर्य खोलेगा किस्मत के द्वार, नए साल में इन पर होंगी पैसों की बरसात
क्या है संक्रान्ति
सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश को संक्रान्ति कहते है। इसमें धनु राशि से सूर्य निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। ज्योतिष गणना के अनुसार सूर्य की १२ संक्रान्ति होती है उसमें मकर संक्रान्ति का सर्वाधिक महत्व है। इस दिन सूर्य अपनी चाल बदलते हुए दषिणायन से उत्तरायण में प्रवेश करते है।
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यह रहेगी स्थिति
इस बार संक्रान्ति का वाहन भैंसा है तथा उपवाहन ऊंट है। रविवार को होने से धोरा नाम बनता है। काले वस्त्र पहने हुए तथा हाथ में भाला धारण कर रखा है। ज्योतिषियों के अनुसार संक्रान्ति के लक्षण आदिवासियों, अल्पसंख्यक वर्ग, गरीब व्यक्तियों के शुभकारी रहेगी। धार्मिक गुरुओं, विद्वान,शिक्षकों, रक्षाकर्मियों को कष्टकारी हो सकती है। राजस्थान,मध्यप्रदेश, तमिलनाडू, केरल, कर्नाटक, आन्द्रप्रदेश में संक्रान्ति की दृष्टि होने से प्राकृतिक आपदा राजनीतिक परिवर्तन के योग बनेगें। सोना,चांदी, वाहन, इलेक्ट्रॉनिक आइटम, दवाइयां, शेयर बाजार में तेजी रहेगी। सभी धान्य एवं तरल पदार्थ में भारी उतार चढ़ाव के योग है।
तिल तड़क्या और दिन भड़क्या
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो मकर संक्रान्ति से ही मौसम चक्र भी बदल जाता है। हाड़ौती की कहावत भी है तिल तड़क्या और दिन भड़क्या, यानि दिनों में एक तिल के बराबर गर्मी की शुरुआत हो जाती है। पृथ्वी और सूर्य की दूरी कम होने से दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती है।
किस जातक पर क्या प्रभाव-
मेष- सभी रुके हुए कार्य बनेंगे।
वृष-संघर्ष का सामना करना पड़ेगा।
मिथुन-मांगलिक कार्य के योग बनेंगे।
कर्क-धन व मान सम्मान में वृद्धि।
सिंह-भवन-भूमि का लाभ होगा।
कन्या-स्थान परिवर्तन के योग बनेेंगे।
तुला-नया कारोबार, शत्रु विजय होगी।
वृश्चिक-उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे।
धनु-प्रोपटी, पविार में धन खर्च।
मकर-मानसिक अंशाति बनी रहेगी।
कुंभ-मांगलिक कार्य में धन खर्च।
मीन-प्रमोशन, धन लाभ के योग