24 मार्च से कर रहे ड्यूटी गुरुवार दोपहर को खुर्जा के पहासू अड्डे पर अलग—अलग धर्म के सिपाही और होमगार्ड लॉकडाउन का पालन कराते दिखे। इनमें एक हिंदू है, जबकि अन्य मुस्लिम, सिख और ईसाई धर्म के हैं। चारों 24 मार्च से एक ही साथ ड्यूटी कर रहे हैं। ये दोपहर में भोजन भी एक साथ ही करते हैं। वे लोगों को लॉकडाउन के नियमों का पालन करने का संदेश भी दे रहे हैं। वे कहते हैं कि न तो कोई हिंदू है, न कोई मुसलमान है, न सिख है और न इसाई है। वे सब इंसान हैं। एक ही रब ने उनको बनाया है। यह धर्म तो धरती पर आकर धर्म के ठेकेदारों ने बना दिए हैं।
एसएसपी पहुंचे तो पता चला चारों के बारे में गुरुवार को खुर्जा के पहासू अड्डे पर चारों ड्यूटी कर रहे थे, उस समय एसएसपी संतोष कुमार सिंह पहुंच गए। एसएसपी ने एक सिपाही के सिर पर पगड़ी बंधी हुई देखी तो उन्होंने उनके नाम पूछने शुरू किए। एक ने अपना नाम टेकचंद तो दूसरे ने खुर्शीद बताया। तीसरे ने सरदार रेग सिंह और चौथे ने रोहित कुमार बताया। एसएसपी ने उनसे पूछा कि तुम लोगों में से ईसाई कौन है तो रोहित ने कहा कि वह इसाई है। इस पर एसएसपी अचंभित रह गए। उन्होंने कहा कि यह अच्छा संयोग है कि चारों धर्म के लोग एकसाथ तैनात हैं। एसएसपी ने चारों को सैनिटाइजर दिया।
एसएएसपी ने दिए मास्क उन्होंने उनको मास्क देकर कहा कि इनको उन लोगों को बांट दो, जिनको मास्क खरीदने में परेशानी हो रही हो। एसएसपी ने चारों को शाबाशी दी। इस बीच चारों ने कहा कि उनमें धर्म को लेकर कभी झगड़ा नहीं हुआ। वे चारों एकसाथ बैठकर भोजन करते हैं। उनके जहन में केवल ड्यूटी और कोरोना से जंग जीतना है। वे लोगों को समझाते हैं कि सरकार की गाइडलाइन का पालन करो और घर में रहो। सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखो, इसी से कोरोना हार जाएगा। हमें खुद को बचाना है, तभी बचेगा इंडिया।
मेरठ के रहने वाले हैं रेग सिंह सिपाही रेग सिंह सरदार मेरठ के रहने वाले हैं जबकि होमगार्ड टेकचंद खुर्जा देहात के शहबाज पुर दौलत गांव के रहने वाले हैं। सिपाही रोहित कुमार का घर सहारनपुर में है और उनकी अभी तक शादी भी नहीं हुई है। यह रंगरूट हैं। सिपाही खुर्शीद शामली के रहने वाले हैं। वह 12 साल पहले पुलिस में भर्ती हुए थे। उनके दो बेटे हैं, जो स्याना कोर्ट में तैनात हैं। उनकी ड्यूटी यहां पर लगाई गई है। खुर्शीद ने बताया कि कुरान में साफ-साफ लिखा है कि अगर आपके हाथ से कोई अच्छा काम होता है या जिस आदमी ने एक शख्स को बचा लिया तो वह सच्चा मुसलमान है। अगर किसी को कोरोना जैसी महामारी के संक्रमण दिखाई देते हैं तो वह खुद ही सरकार की गाइडलाइन के अनुसार अपना इलाज कराए। आप खुद सही रहेंगे तो घर के सदस्य और देश सुरक्षित रहेगा।