इसके अलावा फिल्म में निगेटिव रोल प्ले करने वाले अमजद खान को आज भी उनकी एक्टिंग के लिए याद किया जाता है, लेकिन पहले इस रोल को अमजद नहीं बल्कि डैनी डेंजोंगप्पा को निभाना था। तो आइए जानते हैं इसी से जुड़ी हुई कहानी कि आखिर अचानक शोले से बाहर क्यों हो गए थे डैनी।
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अपने पिता की दर्दनाक मौत देखकर, संजय लीला भंसाली को आया था इस फिल्म का आइडिया अमिताभ बच्चन ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि, मैं और रमेश सिप्पी साहब बैंगलोर गए थे। यहीं हम लोगों ने फैसला किया था कि इसकी शूटिंग के लिए सबसे सही जगह यही है। हालांकि शूटिंग के लिए रमेश जी बहुत पहले से जगह तलाश कर रहे थे। बैंगलोर को के स्पॉट को तय करने डायरेक्टर रमेश सिप्पी और अमिताभ बच्चन पहुंचे थे। यहीं रमेश सिप्पी ने अमिताभ को बताया कि डैनी शायद ये फिल्म नहीं कर पाएंगे क्योंकि उनके साथ डेट्स को लेकर थोड़ी समस्या हो रही है।
वहीं अमिताभ ने आगे बताया कि, “इसके बाद अमजद खान साहब को कास्ट किया गया तो उसमें भी बहुत विचार-विमर्श हुआ। लेकिन फिल्म करने के बाद मुझे पता चला कि मुझसे पहले शत्रुघ्न सिन्हा साहब के नाम पर चर्चा की गई थी। हालांकि उनके फिल्म छोड़ने के पीछे की मुख्य वजह का मुझे अभी तक पता नहीं चल पाया है।”
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जब दिलीप कुमार पर लगाया गया पाकिस्तानी जासूस होने का आरोप वहीं मालूम हो कि फिल्म के राइटर सलीम खान ने बताया था कि, “रमेश सिप्पी जी फिल्म में गब्बर के रोल के लिए किसी व्यक्ति की तलाश कर रहे थे। मुझे सुबह के समय अचानक अमजद खान मिल गए थे। मैंने उन्हें देखा और इससे पहले भी मैं कई बार उनकी एक्टिंग देख चुका था। मैंने उन्हें अगले दिन रमेश जी के ऑफिस पर आने के लिए कहा। इसके बाद रमेश जी ने अमजद को देखा और कहा कि ठीक है यही मेरी फिल्म का गब्बर होगा।”
इस फिल्म में अमजद खान ने जोरदार एक्टिंग की और हमेशा हमेशा के लिए गब्बर के नाम से मशहूर हो गए। हालांकि डैनी भी उन दिनों के शानदार विलेन के रूप में जाने जाते हैं। उन्हें घातक फिल्म में कात्या के रोल के लिए याद किया जाता है।