तापसी पन्नू (taapsee pannu share photos and videos)ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें लॉकडाउन के दौरान की कुछ दिलदहला देने वाली तस्वीरें दिखाई हैं जिसके बारें में शायद ही कोई जानता होगा। इस (Taapsee Pannu’s poem ‘Pravaasi’) वीडियो के साथ तापसी की एक मार्मिक कविता भी सुनाई दे रही हैं जिसका शीर्षक है, ‘हम तो बस प्रवासी हैं क्या इस देश के वासी हैं?’
वीडियो में (taapsee pannu video of migrants workers) ना केवल इंसान लाचारी से परेशान होते लोग दिख रहे है बल्कि मां अपने बच्चे को सूटकेस पर लटकाकर ढोती हुई नजर आ रही हैं। ये वो बेबसी थी जब सिर्फ लोगों के सामने हर वक्त मौत खड़ी थी। वीडियो में नंगे पैर चलते मज़दूर ना केवल अपनी लाचारी से लड़ रहे थे बल्कि पुलिस के बरसाते डंडे भी उन पर कहर बनकर टूट रहे थे। एक ओर पिता को साइकिल पर ले जाती बेटी भी नजर आई, तो कहीं इस वीडियो में भूख से तड़पते लोग दिखाई दे रहे थे। कहीं मां की लाश से खेलता बच्चा नजर आया तो औरंगाबाद में रेल की पटरियों पर पड़ीं मज़दूरों की रोटी भी हैं। ये सारी तस्वीरें वही हैं जो लॉकडाउन के दौरान सामने आई थीं।
वीडियो में तापसी पन्नू(taapsee pannu video of migrants workers) ने लॉकआउन के दौरान की हर तस्वीरो के जरे उनके दुख के काफी गहराई से समझा है। इस वीडियो को शेयर करने के बाद तापसी की कविता भी सुनाई दे रही है जिसमें एक्ट्रेस कहती हैं, ‘हम तो बस प्रवासी हैं, क्या इस देश केवासी हैं? अगर हम नही हैं इंसान तो मार दो हमें भजो फरमान। खाने को तो कुछ ना मिल पाया.. भूख लगी तो डंडा खाया। फासले तय किए हज़ारों मील के…कुछ साइकिल पर कुछ पैर नंगे। मरे कई भूख से…और कई धूप से…पर हिम्मत न टूटी बड़ों के झूठ से। बस से भेजकर.. ट्रेन से भेजकर जान खो बैठे रास्ते भूलकर। यहां प्रतिमाओं की बड़ी है हस्ती… पर इंसानों की जान है सस्ती। बड़े सपने..अच्छे दिन बतियाए पर भूख किसी की मिटा न पाए.. चाहिए न भीख ना दान.. बस मत छीनिए आत्म सम्मान। हम तो बस प्रवासी हैं क्या इस देश के वासी हैं?’। वीडियो शेयर करते हुए एक्ट्रेस ने लिखा, ‘तस्वीरों की एक श्रृंखला जो शायद हमारे दिमाग से कभी नहीं निकलेगी’।