स्वामी ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा, ‘मैंने एम्स टीम की कथित रिपोर्ट से जुड़े अपने 5 सवालों पर स्वास्थ्य सचिव के साथ बातचीत पूरी कर ली है। एक समाचार चैनल ने इस रिपोर्ट को लेकर दावा किया था कि एसएसआर ने आत्महत्या की थी। इस मामले में मंत्रालय को जानकारी नहीं दी गई है, अब मैं संबंधित विशेषज्ञों से बात करूंगा।’
सबूतों को नष्ट किए जाने की जांच हुई थी क्या?
स्वामी ने सवाल उठाए हैं कि क्या एम्स की टीम ने सुशांत के शव का पोस्टमॉर्टम किया था या केवल कूपर अस्पताल के डॉक्टरों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से अपनी राय बनाई? क्या डॉ. सुधीर गुप्ता को उच्च अधिकारियों ने कहा था कि एम्स की विशेष टीम द्वारा रिपोर्ट पेश किए जाने से पहले वे साक्षात्कार दें? क्या एम्स की टीम ने सबूतों को नष्ट किए जाने की जांच की? क्या मौत के कारणों पर एक निश्चित राय बनाने के लिए फॉरेंसिक मेडिकल के दृष्टिकोण से सामग्री अपर्याप्त सामग्री थी? और क्या स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय इस मामले को मंत्रालय के मेडिकल बोर्ड को भेजने पर विचार करेगा?
स्वामी ने इससे पहले एक ट्वीट कर सवाल किया था कि संतरे के ज्यूस का वह ग्लास संरक्षित क्यों नहीं रखा गया जिसे उन्होंने घटना वाले दिन की सुबह में पिया था। आश्चर्य की बात नहीं है कि मुंबई पुलिस ने सुशांत का अपार्टमेंट भी सील नहीं किया जो कि अप्राकृतिक मृत्यु की स्थिति में जरूरी होता है।