श्रेया को बचपन से ही संगीत की शिक्षा मिलना शुरू हो गई थी। बचपन में उनकी मां ने उन्हेकं संगीत का ज्ञान दिय। बचपन में श्रेया जहां रहती थी, वहां संगीत का माहौल नहीं था। उनके घर के आस पास ज्यादातर इंजीनियर और साइंटिस्ट रहते थे। इसके बावजूद भी श्रेया के माता पिता ने उन्हें संगीत सीखने के लिए प्रेरित किया था।
श्रेया की जिंदगी एक रिएलिटी शो से बदली। दरअसल उन्होंने 1996 में टीवी शो ‘सा रे गा मा पा’ में बतौर एक बाल कलाकार भाग लिया था। उस समय श्रेया की उम्र मात्र 12 साल थी। श्रेया इस शो की विजेता रही थी। इस शो को गायक सोनू निगम और कल्याण जी ने जज किया था।
श्रेया की आवाज से प्रभावित हुए कल्याणजी—आनंदजी: शो के दौरान कल्याणजी—आनंदजी को श्रेया की आवाज काफी पसंद आई थी। उन्होंने श्रेया के पिता को संगीत की अच्छी शिक्षा के लिए मुंबई शिफ्ट होने की सलाह भी दी थी। रिपोर्ट के अनुसार जब श्रेया माता—पिता के साथ मुंबई शिफ्ट हुई तो कल्याणजी—आनंदजी से संगीत की बारीकियां सीखीं।
बॉलीवुड निर्देशक-निर्माता संजय लीला भंसाली को श्रेया की आवाज बहुत पसंद थी। भंसाल ने श्रेया को अपनी फिल्म ‘देवदास’ में गाने का मौका दिया। श्रेया ने इस फिल्म में ‘बैरी पिया’ गाना गाया,जो हर किसी के दिल में घर कर गया।
श्रेया घोषाल को फिल्म ‘देवदास’ के गानों के लिए सर्वश्रेष्ठ गायिका के फिल्मफेयर पुरस्कार से भी नवाजा गया है। इसके अलावा उनको आर. डी. बर्मन पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है।