रवीना ने इससे पहले ट्विटर पर अपने आधिकारिक अकांउट से ट्वीट किया था, ‘सफाई का वक्त आ गया है। इस कदम का स्वागत करती हूं। इससे हमारी आने वाली पीढ़ी की मदद होगी। शुरूआत यहीं से करें, धीरे-धीरे सभी सेक्टर्स की ओर बढ़ें। इसे जड़ से उखाड़ फेंके। इसका उपयोग करने वाले, डीलर्स/सप्लायर्स सभी दोषियों को सजा दें। उन बड़े लोगों को सबक सिखाएं, जो आंख बंद कर लोगों को बर्बाद कर रहे हैं।’
अपने इसी ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए रवीना ने शुक्रवार को लिखा, ‘मेरे ट्वीट में बताए गए बड़े लोग। स्थानीय प्रशासन के आशीर्वाद के बिना किसी भी तरह के ड्रग का सप्लाई नहीं हो सकता। ये बड़ी मछलियां बिना किसी सवाल-जवाब के बच के निकल जाती हैं। अगर कोई पत्रकार स्टिंग कर इन सप्लायर्स तक पहुंच सकता है, तो क्या प्रशासन को इनकी भनक नहीं लगती? सेलेब्रिटीज को निशाना में लाना आसान है।’
रवीना ने आगे लिखा, ‘सप्लायर्स कॉलेज/स्कूल, पब और रेस्तराओं के बाहर घूमते रहते हैं। एक ड्रग के गिरोह में प्रशासन के बड़े-बड़े लोग शामिल रहते हैं (ये बड़े आदमी फायदे में रहते हैं (जैसे कि घूस वगैरह।) फिर ये आंख मूंद लेते हैं और नौजवानों की जिंदगियां तबाह होने देते हैं। इसे इस जड़ से उखाड़ फेंके। यहीं मत रूकिए, देशभर में ड्रग के खिलाफ जंग का ऐलान कीजिए।’
रवीना ने आगे यह भी लिखा, ‘फिल्म इंडस्ट्री के बारे में आधी-अधूरी सच्चाई टीआरपी रेटिंग्स का चक्कर है। दुनिया के मुश्किल हालात अपमानजनक निर्णयों/गंदे शब्दों से भुला दिए जाते हैं। जांच से पहले ही किसी को दोषी करार दिया जाना पब्लिक लिंचिंग है। क्या गलत साबित होने पर मीडिया अपनी खोई हुई इज्जत, विश्वसनीयता को दोबारा हासिल कर सकेगी?’