मगर उनकी फिल्म ‘आवारा’ ने उन्हें रूस में वो शौहरत दिलाई जो आज तक किसी और बॉलीवुड स्टार को वहां नहीं मिली। फिल्म का गाना ‘मेरा जूता है जापानी’ वहां पर काफी प्रसिद्ध हुआ। गाना रूसियों को इतना बढ़िया लगा कि बच्चे, बड़े और बूढ़े ही नहीं सरकारी लोग भी इसके दीवाने हो गए। हालांकि, इस गाने के प्रसिद्ध होने के पीछे दो वजह थीं। पहली वजह थी राज कपूर के प्रति रूस के लोगों का प्यार. राज कपूर की फिल्मों के गाने वहाँ हर किसी की जुबान पर होते थे।
वहीं दूसरी वजह थी कि अनजाने में ही सही पर उनके इस गाने ने रूस को जापान से ऊपर बताया था। दरअसल, गाने के जो बोल हैं जैसे: “मेरा जूता है जापानी, ये पतलून इंगलिश्तानी, सर पे लाल टोपी रूसी फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी”। इसमें जापनी जूते को पैरों में बताया गया और रूसी टोपी को सिर पर रखा गया. उस समय जापान और रूस के बीच रिश्ते अच्छे नहीं थे। ऐसे में जब रूस ने देखा कि राज कपूर ने अपने गाने में जापान को नीचे बताया है तो सब ने उन्हें कॉमरेड मान लिया।
हालांकि, राज कपूर का कहीं भी किसी देश को नीचा दिखाने का अंदेशा नहीं था पर परिस्थितियों के आगे वो भी हार गए। उस दिन से राज कपूर रूस सरकार के भी पसंदीदा कलाकार बन गए।
1960 के दौरान राज कपूर ‘मेरा नाम जोकर’ बनाने जा रहे थे। उन्हें फिल्म में रूसी सर्कस के लोग चाहिए थे जिसके लिए उन्हें मॉस्को जाना था। ‘मेरा नाम जोकर’ के लिए रशियन सर्कस से बात कर रहे थे। उस समय राज कपूर लंदन में थे और बिना वीज़ा के ही वो मास्को पहुंच गए। बिना किसी पूर्व सूचना के वो वहां पहुंचे थे, इसलिए उनके स्वागत के लिए कोई नहीं था।
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फिर राज कपूर एयरपोर्ट से बाहर निकले और उन्होंने टैक्सी ले ली। अचानक राज कपूर का ध्यान गया कि उनकी टैक्सी जमीन पर चलने की बजाय हवा चल रही है। राज कपूर हैरान थे कि ऐसा कैसे हो रहा है, लेकिन जब सच्चाई सामने आई, तो वो हक्के बक्के रह गए। राज कपूर के फैन्स ने उनकी टैक्सी को अपने कंधे पर उठा लिया था। रूस के लोग उन्हें इतना पसंद करते थे कि इस तरह उनका स्वागत किया।