19 मई, 1974 को जन्मे नवाजुद्दीन के टैलेंट की आज हर कोई कद्र करता दिखाई देता है। भले ही वे स्क्रीन पर रोमांस किंग न बन पाए लेकिन जो वो करते हैं वो भी हर किसी के बस की बात नहीं है। संवेदन से संवेदनशील किरदार हो या फिर कॉमेडी या फिर विलेन का रोल, नवाजुद्दीन को पता है कि किरदार को पर्दे पर कैसे बखूबी उतारना है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि नवाजुद्दीन ने 19 साल पहले अपने करियर की शुरुआत आमिर खान की फिल्म ‘सरफरोश’ से की थी। हालांकि उन्हें पहचान अनुराग कश्यप की फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ से मिली।
इस बीच नवाजुद्दीन का स्ट्रगल कम नहीं रहा। उन्होंने अपने करियर के इस दौर में न जाने कितने धक्के खाए। 12 साल के लंबे संघर्ष के बाद नवाजुद्दीन के हाथ सफलता की पहली सीढ़ी लगी थी और इसके बाद से ये कारवां अभी तक जारी है।
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इस एक्ट्रेस को किस करने पर घबरा जाते थे इमरान हाशमी, सीन के बात पूछते थे ये सवाल नवाजुद्दीन सिद्दीकी यूपी के मुजफ्फरनगर के बुधना के रहने वाले हैं। बॉलीवुड में आने से पहले नवाजुद्दीन ने महज पांच फिल्में ही देखी थीं। इसके साथ ही वह रोजाना एक्टिंग की रिहर्सल शीशे के सामने खड़े होकर करते थे। नवाजुद्दीन पहली बार पेप्सी के कैम्पेन विज्ञापन ‘सचिन आला रे’ में नजर आए थे। जिसके लिए उन्हें 500 रुपए दिए गए थे।
इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों काम किया जैसे, जंगली, शूल और दिल पे मत ले यार, लेकिन इन सब फिल्मों से भी नवाज को पहचान नहीं मिली। उन्होंने गैग्स ऑफ वासेपुर से पहले सरफरोश, शूल, जंगल, डा बाबा साहेब अंबेडकर, द बायपास, मुद्दा, मुन्नाभाई एमबीबीएस, फैमिली, आजा नचले, एक चालीस की लास्ट लोकल, मनोरमा सिक्स फीट अंडर, ब्लैक फ्राइडे, ब्लैक एंड व्हाइट, फिराक, न्यूयॉर्क, देवडी, पिपली लाइव, देख इंडियन सर्कस, कहानी, पतंग, पान सिंह तोमर में काम किया था।
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जब फिल्म की शूटिंग बीच में छोड़कर विनोद खन्ना चले गए थे अमेरिका, इस डायरेक्टर पर आ गई थी मुसीबत बॉलीवुड में लगभग 12 साल के कड़े संघर्ष के बाद नवाजुद्दीन सिद्दीकी के हाथ डायरेक्टर अनुराग कश्यप की फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ लगी। इस फिल्म में नवाज की एक्टिंग ने लोगों का दिल जीत लिया। इसके बाद उन्होंने किक, बदलापुर, मांझी द माउनटेन, द लंच बॉक्स, रमन राघव 2, रईस, मंटो और ठाकरे जैसी दमदार फिल्में कीं।