Zeenat Aman को बेइंतहा पीटते थे मजहर खान, अलग होने के बाद भी एक्ट्रेस के दिल में कहीं न कहीं बरकरार थी मोहब्बत
फिल्म ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ (Satyam Shivam Sundaram) एक्ट्रेस जीनत अमान ने अपने करियर में कई फिल्मों में काम किया है. जीनत अमान की शादी एक्टर मजहर खान (Mazhar Khan) से हुई थी. जीनत ने मजहर पर मारपीट के आरोप लगाकर उनसे तलाक तक अर्जी दे डाली थी. दोनों अलग रहा करते थे.
Zeenat Aman को बेइंतहा पीटते थे मजहर खान, अलग होने के बाद भी एक्ट्रेस के दिल में कहीं न कहीं बरकरार थी मोहब्बत
आप सभी ने इंडस्ट्री में फिल्म ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ (Satyam Shivam Sundaram) देखी होगी. फिल्म में एक्ट्रेस ज़ीनत अमान (Zeenat Aman) की बोल्ड अदाओं और नजाकत ने लोगों का दिल जीत लिया था. फिल्म में उन्होंने गांव की एक सीधी-साधी लड़की की भूमिका निभाई थी, जिसका चेहरा खराब हो जाता है, लेकिन फिल्म में शशि कपूर को उनसे प्यार हो जाता है और दोनों की शादी हो जाती है, लेकिन जब शशि कपूर को उसका असली चेहरा दिखता है तो वो उससे नफरत करने लगते हैं. फिल्म को काफी पसंद किया गया था.
इसके अलावा जीनत अमान अपनी फिल्मी दुनिया के साथ-साथ अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर भी हमेशा सुर्खियों में रही हैं. बताया जाता है कि जब से उन्होंने अपने फ़िल्मी करियर की शुरूआत की थी तब से ही उनके को-स्टार्स से रिलेशनशिप्स हों या शादी, ज़ीनत हमेशा चर्चा में बनी रहीं. ज़ीनत ने एक्टर मज़हर खान (Mazhar Khan) से शादी की थी. मज़हर से शादी के बाद ज़ीनत की ज़िंदगी में काफी उतार-चढ़ाव आए, जिसके बारे में एक्ट्रेस ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था.
जीनत और मजहर ने साल 1985 में शादी की थी और इसके बाद दोनों के दो बेटे हुए जिनके नाम अज़ान खान और ज़हान खान हैं. बच्चे हो जाने के बाद ज़ीनत और मजहर की नहीं ठीक से बन नहीं पा रही थी. दोनों के बीच घरेलू झगड़े बेहद बढ़ते चले जा रहे थे. इतना ही नहीं ज़ीनत ने मज़हर पर मारपीट के आरोप भी लगाए थे और साथ ही तलाक की अर्जी भी डाली थी. इसके बाद दोनों अलग रहने लगे. इसी बीच मजहर को ड्रग्स की लत लग गई थी और उनकी तबियत भी ठीक नहीं रहती थी. साल 1998 में मजहर का निधन हो गया.
इस बारे में बात करते हुए ज़ीनत ने कहा था कि ‘मैं उनकी मौत को लेकर बिलकुल तैयार नहीं थी. मुझे भरोसा था कि वो बच जाएंगे लेकिन उनकी मौत बेहद दुखदाई रही, लेकिन इससे भी ज्यादा दुखद बात ये रही कि उनके परिवार वालों ने मुझे उनके अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं होने दिया. उनकी मां और बहन मुझे उन्हें छोड़कर जाने के लिए सज़ा देना चाहती थीं. जिस शख्स को मैंने अपनी ज़िंदगी के इतने साल दिए, जो मेरे बच्चों का पिता था और मुझे उसके इंतकाल पर कह दिया गया कि नहीं तुम नहीं आ सकतीं, तुम उसे श्रद्धांजलि देने नहीं आ सकती. मैंने मज़हर से शादी इसलिए की थी कि मैं अपना परिवार चाहती थी और उस वक्त तैयार थी और मैंने ऐसा किया’.