इस फिल्म का दृष्टिकोण अलग है
अनुपम ने कहा, यह फिल्म आम लोेगों के दृष्टिकोण को दिखाएगी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे काफी प्रशंसा मिल रही है। जब दर्शक इसे सिनेमाघरों में देखने जाएंगे तो वह फिल्म की कहानी से खुद को जोड़ पाएंगे। आतंकवाद आज सिर्फ हमारे देश की ही समस्या नहीं है बल्कि यह पूरे विश्व में फैल चुका है। आतंकवादी हमलों में मासूम लोग मारे जाते हैं। हम लोगों की मौत को आंकड़ों में देखते हैं। लेकिन ये सिर्फ आंकड़े नहीं हैं। मरने वालों में कोई किसी कि मां,बहन, पति,भाई और होते हैं। कुछ जख्मों को याद रखना और दूसरे लोगों के प्रति संवेदना रखना जरूरी होता है।’ साथ ही उन्होंने कहा, कुछ जख्म भुलाए नहीं जा सकते, वे लड़ने की ताकत देते हैं।’
सीखा जिंदगी का सबसे बड़ा सबक
एक्टर ने कहा, ‘जब हम छोटे थे तो हमे सिखाया जाता था कि सब पर विश्वास करना चाहिए। लेकिन आज के समय में ऐसा देखने को नहीं मिलता। अब लोग सभी को शक की निगाह से देखते हैं। इंसान ने एक दूसरे पर भरोसा करना छोड़ दिया है। इस फिल्म ने मुझे जीवन का सबसे बड़ा पाठ पढ़ाया है। इससे मुझे सीखने को मिला कि मानवता सबसे बड़ी होती है। निम्न वर्ग के लोगों ने जो होटल में वेटर और शेफ का काम करते थे, उन्होंने कैसे अपनी जान पर खेलकर अंजान लोगों को बचाया। उन्होंने ‘गेस्ट इज गॉड’ कहावत को सही मायने में चरितार्थ किया। वे होटल से निकल चुके थे और चाहते थे तो अपनी जान बचा सकते थे लेकिन वे वापस होटल आए और लोगों को बचाया। यह फिल्म लोगों की सोच को बदलेगी।’
वर्कशॉप में गनशॉट्स की आवाज
अनुपम ने कहा, ‘हमने इस फिल्म के लिए वर्कशॉप भी ली। डायरेक्टर एंथनी मरास चाहते थे कि हम उस घटना को महसूस करें जो घटना के वक्त होटल में ठहरे लोगों के साथ हुई। अमूमन एक्टर सीन के दौरान डरने की एक्टिंग करने लग जाते हैं। जब हम सीन शूट कर रहे होते थे तो डायरेक्टर अचानक बीच—बीच में गनशॉट्स की आवाज प्ले कर देते थे। हम अचानक गोलियों की आवाज सुनकर सहम जाते थे और उस परिस्थिति को महसूस कर सकते थे जो हमले के वक्त अंदर फंसे हुए लोगों की थी।’
शूटिंग से पहले शेफ हेमंत से नहीं मिला
अनुपम खेर इस फिल्म में शेफ हेमंत ओबेरॉय का किरदार निभा रहे हैं। एक्टर ने बताया कि फिल्म की शूटिंग से पहले वे शेफ से नहीं मिले। जब एक्टर किसी किरदार से मिलता है तो कई बार वह पर्दे पर उसकी नकल करने लग जाता है। हमारे डायरेक्टर ऐसा नहीं चाहते थे इसलिए उन्होंने मुझे उनसे नहीं मिलने दिया। मैं उनसे फिल्म के वर्ल्ड प्रीमियर पर ही मिला। जब वो मुझे बैक स्टेज मिले तो गले लगाकर कहा, ‘थैंक्यू’। मेरे लिए उनका वो शब्द किसी भी पुरस्कार से बड़ा था।’