दिलीप कुमार के घर को पाकिस्तान ( Pakistan) के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने जुलाई 2013 में राष्ट्रीय विरासत भी घोषित कर दिया था। पाकिस्तान की सरकार ने दिलीप कुमार ( Dilip Kumar) के जर्जर घर की मरम्मत नहीं करवाई इसलिए उनका मकान गिर गया। जबकि पाकिस्तानी सरकार को इस घर की हालत के बारे में अच्छे से पता था, क्योंकि दिलीप कुमार के घर को लेकर खबरें काफी टाइम से आ रही थी कि उनका घर कभी भी गिर सकता है। दिलीप कुमार का घर पेशावर ( Peshawar) शहर में खुदाबाद मोहल्ले के किस्सा ख्वानी बाजार में था।
दिलीप कुमार का यह पुश्तैनी घर 130 वर्ग मीटर में फैला था। मोहम्मद यूसुफ़ ख़ान उर्फ दिलीप कुमार का जन्म 11 दिसंबर 1922 को पेशावर के इसी घर में हुआ था। साल 1930 में 12 सदस्यों वाला ये परिवार पेशावर से सपनों की नगरी मुंबई में शिफ्ट हो गया। बताया जाता है पेशावर के इस घर में दिलीप कुमार के पिता दादा गुलाम सरवर द्वारा बनाया गया कबूतर खाना घर के गिरने तक मौजूद था। लेकिन ये घर काफी वक्त से वीरान पड़ा था। हालांकि दिलीप कुमार के भारत आने के बाद उनके पिता की बहन काफी दिनों तक इस मकान में रहीं थीं, लेकिन उनकी मौत के बाद घर खाली पड़ गया।
आपको बता दें कि जितना क्रेज दिलीप कुमार का भारत में है उतना ही क्रेज उनका पाकिस्तान के लोगों में भी है। पाकिस्तान सरकार ने 1998 में उन्हें अपना हाइएस्ट सिविलियन अवॉर्ड निशान-ए-इम्तियाज दिया था।