एक इंटरव्यू में दीपिका चिखलिया ने अपना दर्द बयान किया है। उनका कहना है कि ‘दर्शकों ने तो खूब प्यार दिया, लेकिन उस वक्त सरकार की ओर से बेरुखी दिखाई गई। ना तो कभी कोई नैशनल अवॉर्ड मिला, ना ही कोई पद्म सम्मान। एक्ट्रेस ने ये भी बताया कि ‘उस वक्त ‘रामायण’ में काम करने का मेहनताना भी इतना मामूली था कि तब भी बताने में शर्म आती थी और आज भी शर्म आती है।
दीपिका ने आगे बताया कि हम सभी कलाकारों ने पैसे के लिए कभी भी ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे दर्शक इमोशनली हर्ट हों। हम अवॉर्ड मांग नहीं रहे हैं, लेकिन पॉइंट आउट जरूर कर रहे हैं कि अब मोदी सरकार ने जिस तरह रामायण सीरियल को एक बार फिर से दुनिया के सामने लाने का काम किया है। अब आगे मोदीजी को लगे की रामायण की टीम ने कल्चर और लिट्रेचर में कुछ काम किया है तो वो हमें पद्म सम्मानों से सम्मानित करने के बारे में सोचें।