इरफान का सपना क्रिकेटर बनने का था। लेकिन वे बन गए सबसे दिलों पर राज करने वाले अभिनेता। जब उनके कॅरियर का सुनहरा दौर आया तो उन्हें बीमारी ने घेर लिया। अब वे अपनी दूसरी इंनिंग की तैयारी में जुट गए हैं। इरफान ने वर्ष 1988 में आई फिल्म ‘सलाम बॉम्बे’ से डेब्यू किया, लेकिन पहचान मिली 2005 में आई ‘रोग’ से। इसके बाद उनकी फिल्म ‘हासिल’, ‘लंचबॉक्स’, ‘गुंडे’, ‘हैदर’, ‘पीकू’ और ‘जुरासिक वर्ल्ड’ रिलीज हुई।
जिन पांच फिल्मों ने पॉपुलर बनाया उनमें ‘पान सिंह तोमर’ का सबसे पहले आता है। तिग्मांशु धूलिया की फिल्म में इरफान ने एक डाकू का किरदार निभाया है। इसकी कहानी ‘पान सिंह तोमर’ की जिंदगी पर आधारित है। ऐसे नौजवान की कहानी, जो गरीबी के कारण फौज में भर्ती होता है, भूख मिटाने के लिए रेस ट्रैक पर दौड़ता है, देश के लिए मेडल जीतता है, लेकिन एक दिन बंदूक उठाकर डाकू बन जाता है।
वर्ष 2013 में आई ‘लंच बॉक्स’ की कहानी मुंबई में रहने वाले साजन फर्नांडिस और एक हाउसवाइफ इला की है। फिल्म में इरफान ने साजन का किरदार निभाया है। इसका निर्देशन रितेश बत्रा ने किया है। इसके प्रोड्यूसर गुनीत मोंगा, अनुराग कश्यप, अरुण रंगचारी और विक्रम जीत रॉय हैं।
‘करीब करीब सिंगल’
वर्ष 2017 में आई फिल्म ‘करीब करीब सिंगल’ की कहानी एक 35 साल की उम्र की विधवा महिला जया (पार्वती) और 40 साल की उम्र के कवि योगी (इरफान खान) के इर्द गिर्द घूमती है। फिल्म का निर्देशन तनुजा चंद्रा ने किया है।
‘मदारी’ भी एक ऐसी फिल्म है जिसे इरफान ने अकेले अपने दम पर चर्चित बनाया। फिल्म की कहानी निर्मल कुमार (इरफान खान) की है जो किन्ही कारणवश चीफ मिनिस्टर के बेटे को अगवा करते हैं और उसके बाद पूरा सरकारी तंत्र चीफ मिनिस्टर के बेटे का पता लगाने में लग जाता है। फिल्म का निर्देशन निशिकांत कामत ने किया है।
वर्ष 2015 में शूजीत सरकार निर्देशित और रोहिणी लहरी के प्रोडक्शन में बनी फिल्म ‘पीकू’ एक ड्रामा कॉमेडी फिल्म है। फिल्म की कहानी पीकू (दीपिका पादुकोण), बाबा (अमिताभ बच्चन) और राणा (इरफान खान) के इर्दगिर्द घूमती है।