सुशांत के पूरे शरीर की जांच करने के बाद अब एक्टर की साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी (Psychological Autopsy)) कराई जानी बाकि है। अब ताजा जानकारी के मुताबिक एम्स के डॉक्टर सुशांत की दोबारा पूरी जांच करने के बाद उनकी ऑटोप्सी(Autopsy) व विसरा रिपोर्ट(VISCERA SAMPLE) शुक्रवार को सीबीआई को सौंप देंगे। सुशांत की ऑटोप्सी और विसरा रिपोर्ट्स का अध्ययन करने के लिए चार डॉक्टरों की टीम का गठन किया गया है। ये डॉक्टर बहुत गंभीरता से दोबारा जांच करेंगे।
क्या है साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी की अहमियत?
साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी (Psychological Autopsy) के बारे मे यह जानना जरूरी है कि इस तरह की जांच क्यों की जाती है। इस जांच से पुलिस या सीबीआई ये जानने को कोशिश करती है कि ये मामला सुसाइड का है या नही। यदि है तो उस दौरान मृतक की मानसिक स्थिति क्या थी? इसमें यह भी देखा जाता है कि मौत से पहले मृतक का व्यवहार किस प्रकार का था। वो समान्य था या फिर किसी बात में उलझा हुआ था। सामान्य तौर पर वह दोस्तों से कितना मिलता जुलता था। उसके खाने पीने का समय बदला था या नही।
बीते सोमवार को कूपर हॉस्पिटल में जाकर सीबीआई ने डॉक्टरों से कुछ नई जानकारी पाई है. बता दें कि कूपर हॉस्पिटल को डॉक्टरों ने ही सुशांत की पिछली ऑटोप्सी और बाकी मेडिकल रिपोर्ट्स बनाई गई थीं। बता दें कि सुशांत की साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी यानि ब्रेन का पोस्टमार्टम किए जाने से उनके बारे में कई महत्वपूर्ण पहलू सामने आएंगे जो कि जरूरी हैं।