scriptजहरीले धातु 30 फीसदी बढ़ा देते हैं हृदयरोग का खतरा | Toxic metals increase risk of cardiovascular disease by 30 percent | Patrika News
बॉडी एंड सॉल

जहरीले धातु 30 फीसदी बढ़ा देते हैं हृदयरोग का खतरा

पर्यावरण में मौजूद आर्सेनिक, सीसा, तांबा और कैडमियम जैसी जहरीली धातुओं के संपर्क में आने से कार्डियोवैस्कुलर बीमारी और कोरोनरी हृदय रोग होने का जोखिम बढ़ सकता है।

Sep 02, 2018 / 11:59 am

जमील खान

Toxic Metals

Toxic Metals

पर्यावरण में मौजूद आर्सेनिक, सीसा, तांबा और कैडमियम जैसी जहरीली धातुओं के संपर्क में आने से कार्डियोवैस्कुलर बीमारी और कोरोनरी हृदय रोग होने का जोखिम बढ़ सकता है। आर्सेनिक के संपर्क में आने से कोरोनरी हृदय रोग होने का 23 प्रतिशत जोखिम बढ़ता है तो वहीं कार्डियोवैस्कुलर बीमारी के खतरे में 30 फीसदी का इजाफा होता है। एक नए शोध में यह खुलासा हुआ है।

शोध के मुताबिक, अनुमान है कि जल्द ही दुनिया में हृदयरोग के सबसे अधिक मरीज भारत में मिलेंगे। भारतीयों में 50 से कम आयु के 50 प्रतिशत लोगों को हृदय रोग होता है और बाकी 25 प्रतिशत हृदय रोगियों की औसत आयु 40 से कम होती है। गांवों की तुलना में शहरों में रहने वाली आबादी दिल के दौरे से तीन गुना अधिक प्रभावित होती है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कैंसर और स्ट्रोक जैसी हृदयरोग और अन्य गैर-संक्रमणीय बीमारियां (एनसीडी) तेजी से बढ़ रही हैं और जल्द ही महामारी का रूप ले लेंगी। शहरी आबादी को ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों की तुलना में दिल का दौरा पडऩे का तीन गुना ज्यादा खतरा रहता है। इसका कारण तनाव, भागदौड़ वाली जीवनशैली और व्यस्त दिनचर्या को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जिसके कारण शारीरिक गतिविधियों के लिए समय ही नहीं बच पाता।

हाल के दिनों में, कार्डियक अरेस्ट, स्ट्रोक और उच्च रक्तचाप के मामलों के अलावा, स्वस्थ दिखने वाले वयस्कों में किसी भी समय किसी भी बीमारी के होने का जोखिम पाया गया है। ऐसे भागीदारों की संख्या बहुत ही कम मिली जो दिल के रोगों की आशंका से मुक्त हों। यह एक स्वस्थ जीवन शैली को अपनाने और जारी रखने की जरूरत पर बल देता है और यह जीवन के शुरुआती वर्षों में होना चाहिए। डॉक्टरों के रूप में, मरीजों को शिक्षित करने और बुढ़ापे में बीमारी के बोझ को कम करने के लिए स्वस्थ जीवन शैली जीने के तरीकों से अवगत कराने की जिम्मेदारी हम डॉक्टरों की है। मैं अपने मरीजों को 80 साल तक जीवित रहने के लिए 80 का फॉर्मूला सिखाता हूं।

कम रक्तचाप, कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल) खराब कोलेस्ट्रॉल, फास्टिंग शुगर, दिल धड़कने की दर और पेट के आकार को 80 से नीचे रखें। गुर्दे और फेफड़ों के कार्यों को 80 प्रतिशत से ऊपर रखें। शारीरिक गतिविधि में अवश्य संलग्न हों (प्रति सप्ताह मामूली सख्त व्यायाम को न्यूनतम 80 मिनट दें)। एक दिन में 80 मिनट चलें, प्रति मिनट कम से कम 80 कदमों की गति के साथ 80 मिनट प्रति सप्ताह तेज-तेज चलें।

प्रत्येक भोजन में 80 ग्राम से कम कैलोरी ग्रहण करें। जरूरी होने पर रोकथाम के लिए 80 मिलीग्राम एटोरवास्टैटिन लें। शोर का स्तर 80 डीबी से नीचे ही रखें। हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 के कणों का स्तर 80 एमसीजी प्रति घन मीटर से नीचे रखें। दिल की कंडीशनिंग वाले व्यायाम करते समय दिल धड़कने की दर को 80 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखें।

Hindi News / Health / Body & Soul / जहरीले धातु 30 फीसदी बढ़ा देते हैं हृदयरोग का खतरा

ट्रेंडिंग वीडियो