शिशु की त्वचा बेहद नाजुक होती है और उसके साथ साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखने से फोड़े-फुंसी की परेशानी हो सकती है। शिशु को गोद में लेने या खिलाने से पहले हाथों को अच्छी तरह से साफ कर लेना चाहिए। बच्चे को जिस कपड़े या स्पॉन्ज से पौंछ रहे हैं यदि वह संक्रमणरहित नहीं है तो उसे छोटी-छोटी फुंसियों की समस्या हो सकती है। इन फुंसियों को स्प्रिट के फोहे से साफ कर लें। हालांकि यहां भी तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए क्योंकि यह संक्रमण शरीर में भी फैल सकता है।
कई बार जन्म के तुरंत बाद शिशु के सिर में सूजन आ जाती है जिसका संबंध उसके लिवर से होता है। लिवर के सही ढंग से काम नहीं करने के कारण सिर में खून जमा होने से यह सूजन आती है। यह मस्तिष्क की परतों के बीच खून जमने से होता है। इसमें भूलकर भी बच्चे के सिर की मालिश नहीं करनी चाहिए क्योंकि इससे खून ज्यादा तेजी से एकत्र हो सकता है। इसमें किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए। यह सूजन धीरे-धीरे स्वत: ही ठीक हो जाती है।
शिशु की पीठ पर बड़े-बड़े नीले रंग के निशान हो जाते हैं जिन्हें मंगोलियन स्पॉट्स (आम बोलचाल में लहसुन) बोलते हैं। यह भी सामान्य प्रकिया के तहत होता है, चिंता या घबराने की जरूरत नहीं होती है।