आप योग व मेडिटेशन से जुड़ी हुई हैं। आप भारत कैसे आईं?
मेरे माता-पिता एलोपैथी डॉक्टर हैं। मैं भी एलोपैथी की डॉक्टर हंू। मैं काफी समय पहले इंडिया एक कॉन्फे्रंस में शामिल होने आई थी, जहां मेरी मुलाकात क्वांटम फिजिक्स के वैज्ञानिक डॉ. अमित गोस्वामी से हुई। उन्होंने क्वांटम फिजिक्स को अध्यात्म के साथ जोडक़र क्वांटम हीलिंग के बारे में बताया। तबसे मैं उनके साथ काम कर रही हूं।
आपके जीवन में ऐसा क्या टर्निंग पॉइंट आया जिसने आपको इन पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों की ओर आकर्षित किया?
मैं एलोपैथिक के अलावा क्वांटम इंटीग्रेटिव मेडिसिन के साथ एक्यूपंक्चर की भी एक्सपर्ट हूं। आयुर्वेद, योग, मेडिटेशन, अरोमाथैरेपी और चाइनीज मेडिसिन की भी विशेषज्ञ हूं। मेरा मानना है कि एलोपैथिक से सिर्फ इलाज संभव है, लेकिन वैकल्पिक चिकित्सा से बीमारियों से बचाव भी होता है। इसलिए प्राचीन चिकित्सा पर काम शुरू किया।
क्वांटम हीलिंग क्या है, इसके क्या फायदे हैं?
वर्तमान समय में अधिकतर लोग खुद के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं। यही वजह है कि दुनिया में करोड़ों लोग अवसादग्रस्त हैं। क्वांटम हीलिंग से मेडिटेशन कराकर स्वस्थ करने का तरीका है। पीड़ा का दमन कर लोगों को रिलैक्स किया जाता है। रिलैक्स लोग ज्यादा खुश व स्वस्थ रहते हैं। अच्छे स्वास्थ्य के लिए तन-मन का संतुलन जरूरी है।
जल्दी रिकवरी के लिए रोगी को करना चाहिए?
इसमें केवल सतही प्रयास की जरूरत नहीं होती है, स्थाई परिर्वतन करें लेकिन इससे पहले उसके माध्यमों से परिवर्तन के तरीकों को समझें। सकारात्मक और हमेशा खुश रहें।
आपका लोगों के लिए क्या संदेश है?
आप हमेशा दिल की सुनें, लक्ष्य को पहचानें। व्यक्ति के जीवन का कुछ उद्देश्य होता है उसको पूरा करें। आपको अंतर्मन की सुननी चाहिए, तभी लक्ष्य पूरा होगा। हमें सभी अनंत संभावनाओं के बारे में भी बात करते रहना चाहिए। खुद को जानने के लिए दिल में थोड़ी जिज्ञासा रखें। आप खुद को जितना जानते है, उतना ही मन सुंदर होता है।
डॉ. वैलेनटिना ओनिसर
क्वांटम इंटीग्रेटिव मेडिसिन व चेतना विकास, एक्यूपंक्चर और चाइनीज मेडिसिन, आयुर्वेद, योग थैरेपी, ध्यान, अरोमाथैरेपी विशेषज्ञ