जमीन पर पड़ी या गिरी कोई चीज उठानी है तो भी एकदम से न झुकें। तब भी घुटना मोड़कर धीरे-धीरे झुककर उस वस्तु को उठाएं। सोने का तरीका
एकदम से न लेटें और न ही उठें। हमेशा घुटने मोड़कर कोहनी के सहारे करवट लेते हुए लेटना व उठना चाहिए। घुटने मोड़कर सोना चाहिए। इससे रीढ़ की हड्डी पर दबाव कम पड़ता है।
कुर्सी पर तनकर (90 डिग्री एंगल पर) बैठें, 40-45 मिनट के गैप में उठकर थोड़ा चलें। कम्प्यूटर पर काम करते हुए कोहनी-हाथ टेबल के लेवल में हों, पैर न लटकें (फुटरेस्ट लगा लें), स्क्रीन आंखों के सेंटर से 15 डिग्री ऊपर होनी चाहिए।
एकदम झटके से ताकत न लगाएं बल्कि एक पैर आगे करके धीरे-धीरे धक्का मारें। सीढ़ियां चढऩा-उतरना
आगे की तरफ न झुकें। कमर सीधी रखते हुए सीढ़ी चढ़ें या उतरें। इससे वजन रीढ़ की हड्डी पर नहीं आएगा।
बिना सहारे रीढ़ को सीधा रखते हुए गर्दन को कम से कम झुकाकर पढ़ें। स्टडी टेबल पर बैठें और उचित रोशनी का ध्यान रखें। लंबे समय तक खड़े रहना
एक ही मुद्रा में न खड़े रहें (रसोई में खाना बनाना या कतार में हों) बल्कि 25-30 मिनट के अंतराल में पैरों को हिलाते-डुलाते रहें। इससे रक्तसंचार सही रहेगा जो शरीर के सभी अंगों पर असर डालेगा।
झाड़ू व साफ-सफाई झुककर न करें, घुटने के बल बैठकर धीरे-धीरे करें। किचन स्लैब या वॉश बेसिन की ऊंचाई भी कम या ज्यादा नहीं बल्कि कद के हिसाब से हो। वर्ना पट्टे पर पैर रखकर काम करें।