79 गाडिय़ों में सुरक्षा: बिलासपुर जोन में नागपुर से लेकर झारसुगुड़ा और बिलासपुर से कटनी रूट में यात्री ट्रेनों की संख्या लगभग ७९ है। हर ट्रेन में अगर एक स्काटिंग टीम भेजी जाए तो एक टीम में १ अधिकारी और ६ जवान, या ४ जवान होने चाहिए। इसके अनुसार लगभग १५ सौ जवानों की संख्या केवल ट्रेनों में ही खप जाएगी।
कोयला चोरी, यात्रियों के साथ भी वारदात: एसईसीआर में चोरी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। एक तरफ मालगाडिय़ों से कोयला चोरी, तो दूसरी तरफ यात्री ट्रेनों में वारदात। वर्ष २०१७-१८ में ही यात्रियों के साथ हुई घटनाओं पर ८७० मामले दर्ज किए किए। दूसरी तरफ मनेंद्रगढ़ से अम्बिकापुर तक कोयला चोरी की वारदात बढ़ी है। इसे लेकर सीनियर डीएससी भवानी शंकर
नाथ सूरजपुर एसपी से मुलाकत कर चुके हैं।
जीआरपी में १९७० से नहीं हुई भर्ती: आरपीएफ जैसा हाल जीआरपी का भी है। पूरे छत्तीसगढ़ में आरपीएफ के जवानों की संख्या कुल पांच के आसपास है। १९७० के बाद एक भी भर्ती नहीं की गई। बिलासपुर थाने में तैनात स्टाफ संख्या ८३ है, मौजूदा बल ६२ है। इसके चलते जीआरपी भी ट्रेनों में पेट्रोलिंग नहीं कर पाती।
३० जनवरी को रेलमंत्री के साथ हुई बैठक में बल की कमी का मुददा उठाया गया था। लेकिन अतिरिक्त बल देने से मना किया जा रहा है। जो पद खाली हैं उनमें महिला जवानों की भर्ती की जानी है। जबकि जो बल अभी है वह कम है। दोगुने बल की जरूरत है।
भवानी शंकर नाथ, सीनियर डीएससी बिलासपुर मंडल।