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बिलासपुर

ट्रेनों में चाहिए यात्रियों की सुरक्षा, विभाग जूझ रहा बल की कमी से

पूरे जोन में केवल पंद्रह सौ जवान, जीआरपी भी पांच सौ जवानों के सहारे

बिलासपुरMar 06, 2018 / 06:33 pm

Amil Shrivas

Broadgase, General Manager, Rail GM, Earthwork, DRM, Seoni Railway
बिलासपुर . ट्रेनों में चोरों का आतंक, शिकायतें दर्ज कर सुरक्षा के नाम पर खानापूर्ति..। बस, यही चल रहा। आरपीएफ व जीआरपी खुद ही अपनी समस्या (बल की कमी) से जूझ रही। ऐसे में यात्रियों की समस्या कैसे दूर होगी, ट्रेनों में वारदातें कैसे रुकेंगी। जीआरपी व आरपीएफ बल की कमी का रोना रो रहे। कहते हैं हमारे पास पर्याप्त स्टाफ नहीं है। आरपीएफ में बल की कमी दूर करने रेल अफसरों ने बोर्ड से पत्राचार किया। लेकिन कोई जवाब नहीं आया। मामला अटका हुआ है।
पूरे जोन में सर्वाधिक कमाई करने वाले बिलासपुर जोन में यात्रियों की सुरक्षा का भार जिन पर है, वह बल की कमी के चलते न तो लोडिंग सुरक्षा पर ध्यान दे पा रहा, और न ही यात्रियों की सुरक्षा पर। एसईसीआर जोन की स्थापना स्थापना ५ अप्रैल २००३ को तीन डिवीजन बिलासपुर, रायपुर और नागपुर को मिलाकर की गई थी। स्थापना के दौरान रेलवे आरपीएफ में 1700 जवानों की आवश्यकता थी लेकिन उस दौरान भी केचल 1500 जवान ही थे, और आज तक इतने ही हैं। जबकि अधिकांश रेलवे स्टेशनों के विस्तार हो रहा है। नई ट्रेनें भी बढ़ी हैं। यात्रियों की संख्या भी अपेक्षाकृत बढ़ रही है। लम्बे समय से नई भर्ती नहीं हुई है।
79 गाडिय़ों में सुरक्षा: बिलासपुर जोन में नागपुर से लेकर झारसुगुड़ा और बिलासपुर से कटनी रूट में यात्री ट्रेनों की संख्या लगभग ७९ है। हर ट्रेन में अगर एक स्काटिंग टीम भेजी जाए तो एक टीम में १ अधिकारी और ६ जवान, या ४ जवान होने चाहिए। इसके अनुसार लगभग १५ सौ जवानों की संख्या केवल ट्रेनों में ही खप जाएगी।
कोयला चोरी, यात्रियों के साथ भी वारदात: एसईसीआर में चोरी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। एक तरफ मालगाडिय़ों से कोयला चोरी, तो दूसरी तरफ यात्री ट्रेनों में वारदात। वर्ष २०१७-१८ में ही यात्रियों के साथ हुई घटनाओं पर ८७० मामले दर्ज किए किए। दूसरी तरफ मनेंद्रगढ़ से अम्बिकापुर तक कोयला चोरी की वारदात बढ़ी है। इसे लेकर सीनियर डीएससी भवानी शंकर नाथ सूरजपुर एसपी से मुलाकत कर चुके हैं।
जीआरपी में १९७० से नहीं हुई भर्ती: आरपीएफ जैसा हाल जीआरपी का भी है। पूरे छत्तीसगढ़ में आरपीएफ के जवानों की संख्या कुल पांच के आसपास है। १९७० के बाद एक भी भर्ती नहीं की गई। बिलासपुर थाने में तैनात स्टाफ संख्या ८३ है, मौजूदा बल ६२ है। इसके चलते जीआरपी भी ट्रेनों में पेट्रोलिंग नहीं कर पाती।
३० जनवरी को रेलमंत्री के साथ हुई बैठक में बल की कमी का मुददा उठाया गया था। लेकिन अतिरिक्त बल देने से मना किया जा रहा है। जो पद खाली हैं उनमें महिला जवानों की भर्ती की जानी है। जबकि जो बल अभी है वह कम है। दोगुने बल की जरूरत है।
भवानी शंकर नाथ, सीनियर डीएससी बिलासपुर मंडल।

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