दूसरी ओर पीड़िता की मां को अदालत से जमानत मिल गई है। बलात्कार पीड़िता युवती की मां पर 10 वर्षीय बच्चे की शिकायत पर, आप्राकृतिक यौन उत्पीड़न व (Bilaspur crime news) पॉक्सो एक्ट की धारा में अपराध दर्ज कर रतनपुर पुलिस ने महिला को सलाखों के पीछे भेज दिया था।
कार्रवाई पर पहले दिन से उठने लगे सवाल मामले में रतनपुर पुलिस की कार्रवाई पर पहले दिन से सवाल उठने लगे थे। मामले को तूल पकड़ता देख एसपी संतोष कुमार ने एडिशनल एसपी राहुल देव शर्मा, एसडीओपी सिद्धार्थ बघेल व सिविल लाइन थाना प्रभारी परिवेश तिवारी की तीन सदस्यीय जांच टीम बनाई थी, जिसमें (cg crime news) एफआईआर को लेकर कई खामियां सामने आईं। बलात्कार पीड़िता व विभिन्न संगठनों ने पार्षद के रसूख व दखल के चलते पूरी कार्रवाई को अंजाम देने का पुलिस पर आरोप लगाया था।
दूसरी तरफ बलात्कार पीड़िता ने पुलिस पर आरोप लगाया कि आरोपी, पार्षद का भतीजा और 10 वर्षीय नाबालिग पार्षद का भांजा है। यानी पीड़िता के बलात्कार का मामला दर्ज कराने के काउंटर में इस केस को बनाने की बात कही जा रही थी।
पीड़ित परिवार पहुंचा था न्यायलय बलात्कार पीड़िता युवती की मां के खिलाफ हुई शिकायत की जांच रिपोर्ट आने के बाद परिजनों ने सोमवार को न्यायालय में जमानत के लिए (crime news) याचिका पेश की थी। पुलिस की जांच व तथ्य को न्यायालय के सामने पेश किया गया। पुलिस ने जमानत का विरोध नहीं किया। न्यायालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बलात्कार पीड़िता की मां को जमानत पर रिहा कर दिया।
बिलासपुर एसपी ने कहा कि रतनपुर थाने में महिला पर हुई कार्रवाई में पुलिस निरीक्षक की लापरवाही सामने आई है। उच्चाधिकारियों को आधी अधूरी जानकारी देने की बात भी जांच में स्पष्ट हुई है।