अधिनियम की धारा 2 के तहत जो वस्तु 100 वर्ष से पुरानी हो जाती है वह पुरातात्विक संपत्ति घोषित हो जाती है। उसके संरक्षण की जिम्मेदारी केंद्र एवं राज्य सरकार की होती है। बता दें कि छत्तीसगढ़ पुरातत्व विभाग ने इस संबंध में विधिवत जांच के बाद राज्य और केंद्र सरकार को प्रतिवेदन दिया था। इस प्रतिवेदन में उन्होंने माना था कि चिरमिरी क्षेत्र में स्थित सती मंदिर 14वीं-15वीं शताब्दी का है। इसे संरक्षित किया जाना चाहिए। याचिका पर उच्च न्यायालय ने राज्य और केंद्र सरकार से जवाब मांगा था।
आपराधिक प्रकरण भी दर्ज हुआ
जनता की शिकायत पर एसडीएम चिरमिरी के आदेश पर एसईसीएल के अधिकारियों के विरुद्ध थाने में आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया। साथ ही अवमानना याचिका पर दोषी अधिकारी मनीष कुमार सिंह उप क्षेत्रीय प्रबंधक बरतुंगा,अरुण चौहान उप क्षेत्रीय प्रबंधक क़ुरासिआ तथा चैनमैन राजेश्वर श्रीवास्तव को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।