उल्लेखनीय है कि
हाईकोर्ट ने 6 मार्च 2023 को याचिकाकर्ता विजय कुमार गुप्ता व अन्य के पक्ष में आदेश दिया था। इसमें कहा गया था कि समस्त याचिकाकर्ताओं के नियमितीकरण रद्द करने का आदेश जो 19 फरवरी 2010 को जारी हुआ था वह गलत होने के आधार पर निरस्त किया जाता है। कोर्ट ने समस्त लाभ याचिकाकर्ताओं को प्रदान करने का निर्देश भी दिया था।
गुरु घासीदास सेंट्रल
यूनिवर्सिटी ने डिवीजन बेंच के समक्ष अपील प्रस्तुत कर इसे चुनौती दी जिसे चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और राकेश मोहन पांडे ने गत 22 जून 2023 को खारिज कर दिया था। इसे चुनौती देते हुए यूनिवर्सिटी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। इसे भी न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और प्रशांत मिश्रा की बेंच ने 15 मई 2024 को खारिज कर दिया, लेकिन यूनिवर्सिटी ने इस आदेश का पालन नहीं किया। मामले में वकील दीपाली पांडे के माध्यम से अवमानना याचिका दायर की गई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब देने के निर्देश दिए।