CG Vyakhayata News: राज्य शासन के नियम को बताया अवैधानिक
याचिकाकर्ता श्रवण कुमार प्रधान, संजय कुमार सहित अन्य की नियुक्ति पंचायत में शिक्षाकर्मी के पद में हुई थी। 2018 में राज्य शासन ने 8 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वालों का संविलियन शिक्षा विभाग में शिक्षक एलबी के पद में पदस्थ किया। राज्य
सरकार ने शिक्षक एलबी को व्याख्याता के पद में पदोन्नति प्रदान करने नियम बनाया। इसमें कहा गया कि व्याख्याता के 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती एवं 50 प्रतिशत पद अनुभव के आधार पर पदोन्नति से भरे जाएंगे।
इसके खिलाफ याचिकाकर्ताओं ने अधिवक्ता गोविन्द देवांगन व आकाश पाण्डेय के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता बीएड डिग्री धारक होने के साथ व्याख्याता के सभी योग्यता को पूरा करते हैं। इस आधार पर पदोन्नति की मांग की गई।
व्याख्याता पद के लिए आवश्यक योग्यता है बीएड
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविन्द्र अग्रवाल की डीबी में हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि, शिक्षक पद में भर्ती होने वाले की न्यूनतम योग्यता राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (
बीएड) एनसीटीई द्बारा तय की गई है। लेक्चरर पद पर प्रमोशन के लिए बीएड की योग्यता एनसीटीई के तहत बनाए गए 2014 के विनियमों के साथ असंगत 1993 का अधिनियम है। हाई या हायर सेकेंडरी स्कूलों के लिए आवश्यक योग्यता बीएड और प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक के लिए डीएड, डीएलएड आवश्यक योग्यता है। व्याख्याता पद के लिए आवश्यक योग्यता बीएड है।
प्राथमिक शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक कौशल जरूरी
कोर्ट ने कहा एक शिक्षक, जिसे प्राथमिक स्तर के छात्रों को पढ़ाना है, उसमें शैक्षणिक कौशल जरूरी है। इसके मद्देनजर छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सेवा के 14 एवं 15 (शैक्षिक एवं प्रशासनिक संवर्ग) भर्ती एवं पदोन्नति नियम, 2019 को कोर्ट ने असंवैधानिक घोषित किया है।