गांव के करीब नर हाथी की मौजूदगी को देखते हुए वन विभाग ने आसपास के क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति को बंद करवा दिया है ताकि हाथी को कोई नुकसान नहीं पहुंच सके। कोरबा और
बिलासपुर के वन विभाग से जुड़े कर्मचारी हाथी की स्थिति पर नजर रख रहे हैं। उनकी कोशिश है कि हाथी को रिहायशी इलाकों से दूर जंगल में रखा जा सके।
हाथी की धमक से गांव में दहशत का माहौल है। इसी हाथी के हमले से हरदीबाजार क्षेत्र के आसपास स्थित दो गांव में तीन लोगों की जान गई थी।
हाथी ने पैरों से दबाकर तीन महिलाओं को मारा था। इसके बाद हाथी कोरबा से निकलकर पड़ोसी जिले जांजगीर चांपा से लगे छाता के जंगल में चला गया था। इसे काबू में करने के लिए वन विभाग की ओर से कुमकी हाथी को बुलाया गया था।
हफ्ते भर जंगल में चली खोजबीन के बाद भी नर हाथी नजर नहीं आया। हार मानकर वन विभाग ने अपना ऑपरेशन बंद कर दिया। कुछ दिन बाद नर हाथी छाता के जंगल से निकलकर बिलासपुर सीपत की तरफ चला गया था। यहां से एक बार फिर कटघोरा वन मंडल में दाखिल हुआ है। इससे ग्रामीण चिंतित हैं और वन विभाग के अधिकारी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
कटघोरा के वन मंडल अधिकारी कुमार निशांत ने बताया कि अभी हाथी जिस स्थान पर ठहरा हुआ है उसके एक और बिलासपुर और दूसरी ओर
कोरबा का जंगल है। आसपास गांव है। हाथी को कोई नुकसान नहीं पहुंचे इसके लिए आसपास के क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति बंद कर दी गई है। ग्रामीणों को (CG Elephant News) सतर्क किया गया है। गांव में मुनादी कराई गई है लोगों से कहा गया है कि वह सतर्क रहें। जंगल जाने से बचें।