जस्टिस भादुड़ी ने कहा कि प्री-लिटिगेशन के द्वारा मामलों को अधिक से अधिक संख्या में निराकृत करने से न्यायालयों में मामलों को आने से बचाया जा सकता है। इससे पक्षकार भी अनावश्यक रूप से न्यायालयीन कार्यवाही से बच जाता हैं। गौरतलब है कि नालसा के द्वारा नेशनल लोक अदालत का आयोजन 16 दिसंबर को किया जाएगा। जस्टिस भादुड़ी ने कहा कि गाइड लाइन के अनुसार सिविल, क्रिमिनल, लैण्ड इक्वीजिशन, सीनियर सिटीजन, फैमिली कोर्ट के लंबित राजीनामा योग्य प्रकरणों तथा स्थायी लोक अदालत (जनोपयोगी सेवा) में लंबित आमजन के रोजमर्रा से जुड़े हुए मामले, प्री-लिटिगेशन के मामलों इत्यादि राजीनामा योग्य प्रकरणों को आगामी नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक संख्या में निराकृत किया जाए। जस्टिस भादुड़ी ने 9 सितंबर 2023 को आयोजित पिछली नेशनल लोक अदालत का जिक्र करते हुए कहा कि उस दौरान 42 हजार 82 लंबित मामलों का निराकरण किया गया था। इस बार इस संख्या बढ़ाना है।
लंबे समय से लंबित प्रकरणों को निपटाएं- जस्टिस अग्रवाल वीडियो कान्फ्रेसिंग में उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष जस्टिस संजय के. अग्रवाल के द्वारा समस्त न्यायाधीशों से फैमिली कोर्ट के मैटर, धारा 138 एनआई एक्ट के प्रकरण एवं मोटर दुर्घटना दावा के प्रकरण तथा राजीनामा योग्य सभी प्रकार के सिविल व आपराधिक ऐसे प्रकरण जो 05 या 10 वर्ष से लंबित हैं, को चिन्हांकित करते हुए उनका अधिक से अधिक संख्या में निराकरण लोक अदालत के माध्यम से करने कहा गया। ज्ञात हो कि नेशनल लोक अदालत सभी स्तरों के न्यायालयों में आयोजित किए जाते हैं। इसमें उच्च न्यायालय, जिला न्यायालय, तहसील न्यायालय, फैमिली कोर्ट, उपभोक्ता फोरम, ट्रिब्यूनल आदि शामिल हैं।