गिरोह का सरगना फर्जी डीएसपी बन कर कॉल करता था। इसके बाद गिरोह में शामिल आरक्षक और पीसीआर वाहन चालक अपने काम में लग जाते थे। सरकंडा पुलिस ने गिरोह में शामिल छह लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें 2 महिला व चार युवक हैं। आरोपियों से नगद 3 लाख रुपए, मोबाइल और अन्य सामान जब्त किए गए हैं। इनके खिलाफ पुलिस ने धारा 388 के तहत कार्रवाई की।
ऐसे बनाते थे शिकार
एसपी ने बताया कि उन्हें कुछ दिनों पहले युवक ने शिकायत करते हुए बताया था कि कुछ महीने पहले एक युवक ने उसे फोन किया था। उसके बाद एक लड़की ने उसे मिलने के लिए सरकंडा स्थित एक घर में बुलाया। वहां पहुंचने पर युवती ने उसकी ब्लू फिल्म बनाई। कुछ समय के बाद वहां कुछ युवक पहुंचे और युवक को वीडियो वायरल करने की धमकी देने के नाम पर पैसे मांगने लगे।
डरकर उसने 36 हजार रुपए दिए थे। इसके बाद से ब्लैकमेलिंग शुरू हो गई। पुलिस ने इस शिकायत को गंभीरता से लिया और युवक के मोबाइल से फोन करके पैसे देने के लिए गिरोह के सदस्यों को बुलाया। साइंस कॉलेज के पास पुलिस ने रंगे हाथों कृष्णा शर्मा नामक युवक को पकड़ा।
उससे पूछताछ की गई तो पूरा मामला सामने आ गया। उसने गिरोह में शामिल पेंड्रा गौरेला मरवाही जिले में पदस्थ आरक्षक रामकुमार खांडेकर, पुलिस वाहन चालक सूरज सारथी का नाम बताया। साथ ही गिरोह के सरगना का नाम सागर निवासी मुकुल शर्मा बताया। उनके साथ काम करने वाली पेंड्रा की दो महिलाओं का नाम भी बताया।