साथ ही इनके लिए आपको कुछ प्रोसेस पूरा करना होगा। हम एक लिंक भेज रहे हैं। उसे खोल कर उसमें पूछी गई सारी जानकारी भरें और फिर 1700 रुपए इसी मोबाइल नंबर पर ऑनलाइन भेजें। कुछ ही दिनों में कार आपके घर आएगी। युवक भी कार पाने की लालसा में उसकी दी लिंक पर क्लिक करने ही वाला था, कि उसके सहकर्मी सुरेश कैवर्त ने उसे रोककर पत्रिका की खबरों का हवाला दिया और साइबर ठगी के बारे में बताया। जिसके बाद युवक
साइबर ठगी का शिकार होने से बच गया।
दूसरा मामला: कार शोरूम खोलने ऑनलाइन फार्म भरा तो मिल गए साइबर ठग
रायपुर में एक कार कंपनी का रायपुर में शोरूम खोलने के लिए एक युवक ने ऑनलाइन आवेदन किया, तो साइबर ठगी का शिकार हो गया। अज्ञात साइबर ठगों ने कार कंपनी मालिक बनकर उन्हें झांसा दिया। इसके बाद 5 लाख से अधिक ऑनलाइन ठग लिए। इसकी शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है।
Patrika Raksha Kavach Abhiyan: कार कंपनी मालिक बनकर किया कॉल
पुलिस के मुताबिक पार्थिव पेसेफिक निवासी सौरभ अग्रवाल ने करीब एक माह पहले फोर व्हीलर कार कंपनी बीवायडी का शोरूम रायपुर में खोलने के लिए उनकी वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन आवेदन किया था। कुछ दिन पहले अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें फोन किया और खुद को कंपनी का अधिकारी कुणाल बताते हुए कहा कि उनका आवेदन सलेक्ट हो गया। अपना आधार कार्ड, पासपोर्ट फोटो, जीएसटी सर्टिफिकेट, आयकर रिटर्न की जानकारी भेजें। सौरभ ने उसे सभी दस्तावेज उसके दिए गए ईमेल आईडी पर भेजा दिए। इसके बाद एक दूसरे नंबर से पवन नाम के व्यक्ति ने उन्हें कॉल किया। उसने खुद को बीवॉयडी का फ्रेंचाइजी हेड बताया। इसके बाद उसने रजिस्ट्रेशन फीस के रूप में 5 लाख 90 हजार रुपए जमा करने के लिए कहा। सौरभ ने अपने पिताजी के बैंक खातों से ऑनलाइन 5 लाख रुपए आरोपियों के बताए खाते में ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद अगले दिन 90 हजार रुपए और नेट बैकिंग के माध्यम से उनके बताए बैंक खाते में जमा किए।