मरवाही परिक्षेत्र अन्तर्गत शुक्रवार की शाम ग्राम बेलझिरिया में एक 13 वर्षीय बच्ची खेत पर बकरी चराने गई थी। इस दौरान बच्ची पर भालू ने हमला कर दिया। भालू के हमले में बच्ची बुरी तरह से घायल होने से बच्ची की मौत हो गई। वहीं दूसरे दिन शनिवार को सुबह करीब पांच बजे ग्राम बेलझिरिया निवासी चरणसिंह खेरवार, रामकुमार व सुक्कुल प्रसाद सुबह मशरूम बीनने के लिए गए थे। भालू ने उसी दौरान उन पर हमला कर दिया। भालू के हमले में सुक्कुल प्रसाद की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं दो अन्य लोग घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए मरवाही अस्पताल में भर्ती कराया गया।
वहीं करगीकला के रहने वाले सेवक लाल यादव व सेमलाल गोंड दोनों लोग खेत देखने के लिए गए थे। उनके पर भी जंगली भालू ने हमला कर घायल कर दिया।
भालू के हमले से घायल होने के बाद उन्हें भी मरवाही अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है। मरवाही वनमंडल में पिछले डेढ़ माह में भालू के 25 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, जिससे मरवाही वनमण्डल में जामवंत योजना पर एक बार फिर सवालिया निशान उठ रहे हैं। वहीं जानकारों का कहना है कि लगातार जंगलों में पेड़ों की कटाई, अवैध कब्जे, अवैध उत्खनन, वन संसाधनों पर मानवीय दखल के बाद भालू व अन्य जीव लगातार आबादी की ओर पहुंच रहे हैं।
पुलिसकर्मियों के साथ बेलझरिया पहुंचा वन विभाग का अमला, गांव व आस पास कराई गई मुनादी
भालू के हमले को लेकर बीट पुलिस अधिकारी, ग्रामीणों और फॉरेस्ट बीट गार्ड संग ग्राम में रात्रि पहरा की व्यवस्था की गई है। ग्राम बेलझरिया, उषाढ़ और बरौर के जंगली इलाकों में लगातार भालुओं के टोली द्वारा जंगल की ओर जाने वाले ग्रामीणों पर हमले के मामले की गंभीरता के चलते जिले की एसपी भावना गुप्ता (Bear Attack) के निर्देश पर थाना मरवाही का पुलिस बल स्थानीय फॉरेस्ट अमले के साथ संयुक्त रूप से तैनात किया गया है। साथ ही बीट पुलिस अधिकारी एएसआई चंद्र प्रकाश पांडेय और प्रधान आरक्षक अजय सिंह को रात्रि पहरा व्यवस्था और मुनादी की जिम्मेदारी दी गई ।
फॉरेस्ट बीट गार्ड और पुलिस बीट अधिकारियों द्वारा मुनादी करवाई जा रही है तथा ग्रामीणों को जंगल की ओर जाने से मना किया गया है। घटना के बाद मौके पर जिले के डीएफओ समेत तहसीलदार मरवाही और काफी संख्या में फॉरेस्ट विभाग के अधिकारी भी पहुंचे। ग्रामीणों के साथ रात्रि पहरा व्यवस्था बनाकर बीट पुलिस अधिकारी भी गांव में ही चौकसी कर रहे हैं।