कंपनी ने तमिलनाडु के पास अपनी आगामी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के लिए 2,400 करोड़ रुपये के निवेश की भी घोषणा की है। यह प्लांट सालाना 20 लाख स्कूटर्स का निर्माण करेगा और करीब 10,000 नौकरियां पैदा करेगा। इसे दुनिया की सबसे बड़ी ई-स्कूटर मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी कहा जाता है।
ओला के अध्यक्ष और समूह के सीईओ भाविश अग्रवाल ने बताया, “हम जून तक फैक्ट्री को तैयार कर देंगे, जिसमें 20 लाख यूनिट बनाने की क्षमता होगी और फिर फैक्ट्री स्थापित होने के बाद हम अगले 12 महीनों तक इसमें तेजी लाएंगे… उसी समय बिक्री भी शुरू होगी, इसलिए कारखाना जून में पूरा हो जाएगा और बिक्री जुलाई में शुरू होगी।”
हालांकि ओला इलेक्ट्रिक ने अभी तक अपने बैटरी से चलने वाले स्कूटर की कीमत का खुलासा नहीं किया है, लेकिन कंपनी ने पहले कहा था कि नई स्कूटर मोबिलिटी को ज्यादा सुलभ, टिकाऊ और कनेक्टेड बनाने के कंपनी के वैश्विक दृष्टिकोण के अनुरूप है।
उन्होंने कहा, “इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए एक मजबूत चार्जिंग नेटवर्क की जरूरत है। आज, देश में हमारे प्रमुख बुनियादी ढांचे में से एक चार्जिंग नेटवर्क है… (हमारा) हाइपरचार्जर नेटवर्क दोपहिया वाहनों के लिए सबसे बड़ा फास्ट चार्जिंग नेटवर्क होगा। (पूरे) 400 शहरों और कस्बों में और हम इस नेटवर्क के हिस्से के रूप में 1,00,000 से अधिक चार्जिंग प्वाइंट का निर्माण करेंगे।”
ओला के नए इलेक्ट्रिक स्कूटर को हाल ही में संशोधित FAME II सब्सिडी से भी फायदा मिलने की संभावना है।