यह कैसा एमओयू.. मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि राइजनिंग राजस्थान में 35 लाख करोड़ रुपए के एमओयू कर लिए। जनता की कमाई के पैसे से उद्योगपतियों को बड़े-बड़े होटलों में ठहरा कर हर तरह की व्यवस्था की गई। दूसरी तरफ मनरेगा के तहत गरीब-मजदूर को पैसे का भुगतान नहीं कर रहे। सरकारी स्कूल के बच्चों को यूनिफार्म नहीं दे रहे। विदेश में पढ़ने भेजे विद्यार्थियों का भुगतान नहीं करने से वह भीख मांग रहे हैं।
कानून व्यवस्था फेल पीसीसी उपाध्यक्ष जगदीश जांगिड़ ने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था चौपट है। या तो मुख्यमंत्री को अधिकारी सही फीडबैक नहीं दे रहे अथवा उन्हें समझ नहीं है। कांग्रेस सरकार के समय खोले गए अंग्रेजी विद्यालयों में शिक्षक नहीं हैं। एक साल से स्कूटी का वितरण नहीं किया। चिकित्सा का हाल देखिए। 25 लाख रुपए तक के उपचार की व्यवस्था ही चौपट कर दी। कांग्रेस जल्द ही भाजपा सरकार के एक साल के घोटालों पर ब्लैक पत्र जारी करेगी। पत्रकार वार्ता में जिलाध्यक्ष बिशनाराम सियाग ने मूंगफली खरीद में गड़बड़ी समेत जिले के मुद्दों पर राज्य सरकार को घेरा। कांग्रेस के देहात प्रभारी पूसाराम गोदारा, शहर प्रभारी शिमला नायक, शहर जिलाध्यक्ष यशपाल गहलोत ने भी विचार रखे।
जयपुर की घटना के लिए सरकार जिम्मेदार खाचरियावास ने जयपुर अग्निकांड के लिए केन्द्र और राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए मृतकों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपए मुआवजा देने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि हाइवे पर रोड कट, पुलिया और चिकित्सा व्यवस्था जैसे जरूरी इंतजाम करने से पहले ही हाइवे को शुरू कर दिया जाता है। ऐसी ही लापरवाही से जयपुर में 15 लोगों की जान गई है। पत्रकार वार्ता में जिला प्रमुख मोड़ाराम, लक्ष्मण कड़वासरा, जियाउर रहमान, राहुल जादूसंगत, सुमित सुथार, प्रहलाद मार्शल, नितिन वत्सस आदि मौजूद रहे।