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बीकानेर

यहां है प्राचीन मंदिर… इसलिए आदि गणेश के रूप में है प्रसिद्ध

श्री आदि गणेश मंदिर प्राचीन है। रियासत काल से श्री आदि गणेश मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था और श्रद्धा का केन्द्र है। 219 वर्ष प्राचीन इस मंदिर में प्रत्येक बुधवार को जागरण, मासिक गणेश चतुर्थी को अ​भिषेक-पूजन और सात दिवसीय गणेश पूजन महोत्सव गणेश चतुर्थी के अवसर पर आयोजित होता है।

बीकानेरSep 05, 2024 / 11:32 pm

Vimal

बीकानेर. दाऊजी मंदिर रोड स्थित श्री आदि गणेश मंदिर रियासत काल से श्रद्धालुओं की आस्था और श्रद्धा का केन्द्र है। मंदिर में स्थापित भगवान गणेश की प्रतिमा मनमोहिनी और श्रद्धालुओं की हर मनोकामना को पूर्ण करने वाली है। बीकानेर रियासत में प्रधानमंत्री रहे बख्तावर सिंह मोहता की ओर से स्थापित इस प्रतिमा के प्रति विगत 219 वर्षों से भक्तों की अटूट आस्था है। नित्य बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए पहुंचते है। गणेश चतुर्थी सहित प्रत्येक बुधवार और मासिक गणेश चतुर्थी पर यहां अभिषेक, पूजन, जागरण का क्रम चलता रहता है।
त्रिनेत्र, चतुर्भुज व बांयी सूंड

श्री आदि गणेश भक्त मंडल के अध्यक्ष एडवोकेट अविनाश चन्द्र व्यास के अनुसार श्री आदि गणेश की प्रतिमा दुर्लभ है। भगवान गणेश बैठे हुए आसन मुद्रा में है। लम्बोदर के त्रिनेत्र है। दो बड़े कान है। बायी सूंड है। एकदंती प्रतिमा है। आदि गणेश चतुर्भुजी है। एक हाथ में मोदक, दूसरे में पुष्प, तीसरे में फरसा और चौथे हाथ में माला है। गजानंद के दायी व बायीं ओर रिद्धि-सिद्धि है। गले में सर्प है। भगवान गणेश के नजदीक मूषक है।
जागरण, अभिषेक व महोत्सव

श्री आदि गणेश मंदिर में प्रत्येक बुधवार को रात्रि में जागरण होता है। व्यास के अनुसार प्रत्येक माह की मासिक गणेश चतुर्थी के दिन भगवान आदि गणेश का अभिषेक, पूजन वर्षों से हो रहा है। गणेश चतुर्थी पर भक्त मंडल के तत्वावधान में गणेश भक्तों के सहयोग से सात दिवसीय गणेश महोत्सव का आयोजन होता है। इसमें प्रथम दिन होने वाला बाल अभिषेक विशेष है। वहीं यज्ञ, मंत्र जाप, अभिषेक, पूजन, जागरण इत्यादि के आयोजन भी होते है। यह क्रम वर्षों से चल रहा है। करीब चार दशको से आदि भक्त मंडल की ओर से मंदिर की देखरेख सहित उत्सव, पर्वों आदि के आयोजन किया जा रहा है।
प्रथम पूज्य देवहै गणेश

ज्योतिषाचार्य पंडित राजेन्द्र किराडू के अनुसार भगवान गणेश प्रथम पूज्य देवता है। सभी देवताओं के पूजन से पहले भगवान गणेश का पूजन होता है, इसलिए यह मंदिर आदि गणेश के रूप में प्रसिद्ध है। भगवान गणपति की पूजा-अर्चना, दर्शन-वंदन से भक्तों को सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य, बुद्धि, रिद्धि-सिद्धि आदि की प्राप्ति होती है। भगवान गणेश विघ्न व बाधाओं को दूर करने वाले है। इसलिए लंबोदर विघ्नहर्ता भी है।

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