आठ महीने में आठवीं बार पलटा अपना निर्णय
1. शिक्षकों का समायोजन: प्रदेश की सरकारी स्कूलों में अधिशेष 67 हजार शिक्षकों के समायोजन के लिए 18 सितंबर से प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश जारी किए गए। कई जिला शिक्षा अधिकारियों ने इस पर काम भी शुरू कर दिया था। बाद में इस आदेश को प्रत्याहारित कर लिया गया।2. प्रवेश की आयु: प्रवेशोत्सव से पहले नई शिक्षा नीति का हवाला देकर शिक्षा विभाग ने छह साल के बच्चों को ही स्कूलों में प्रवेश देने के आदेश जारी किए। इससे सरकारी स्कूलों में नामांकन की रफ्तार थम गई। शिक्षकों के इस आदेश का विरोध किया तो विभाग ने फैसला बदला और आंगनबाड़ी के पांच साल के बच्चों को प्रवेश देने का संशोधन किया
पांच साल की डीपीसी लम्बित
शिक्षा विभाग में सैकंड ग्रेड शिक्षकों की पांच साल से डीपीसी लम्बित है। इसके लिए विभाग ने सूचियां भी तैयार कर ली लेकिन एक भी शिक्षक की डीपीसी नहीं कराई है। शिक्षक संगठनों शिक्षा मंत्री एवं निदेशक को कई बार ज्ञापन देकर डीपीसी की मांग उठाई है।पूर्व विधायक के भाई सहित 13 अतिक्रमियों के अतिक्रमण पर चला पीला पंजा, खाली करवाई बेशकीमती जमीन
निदेशक लगाकर हटाया
गत 6 सितम्बर को राज्य सरकार के कार्मिक विभाग ने आईएएस अधिकारियों की तबादला सूची जारी की। इसमें माध्यमिक शिक्षा निदेशक के पद पर आईएएस डॉ. महेन्द्र खड़गावत को लगाया गया। आईएएस आशीष मोदी का तबादला चूरू जिला कलक्टर के पद पर किया गया। इसके अगले दिन डॉ. खड़गावत कार्यभार संभालने के लिए बीकानेर पहुंचे, विभाग में स्वागत की तैयारी के आदेश जारी हो गए। इसी बीच उन्हें कार्यभार ग्रहण करने से मौखिक आदेश से रोक दिया। इसके 18 दिन बाद 22 सितम्बर को डॉ. खड़गावत का तबादला शिक्षा निदेशक के पद से ब्यावर कलक्टर के पद पर किया गया।Rajasthan By-Election: राजस्थान उपचुनाव में कांग्रेस भूलकर भी नहीं करेगी ये काम, हरियाणा चुनाव की हार से लिया सबक
शिक्षा विभाग का प्रबंधन चरमराया
सरकार ने शिक्षा विभाग का मखौल बना दिया है। कोई भी आदेश जारी करने से पहले उसके गुण-अवगुण पर मंथन नहीं किया जाता। नतीजन बाद में उसे वापस लेने की नौबत आती है। इसका प्रतिकूल असर सरकारी शिक्षक और विद्यार्थियों को लेकर समाज में छवीं पर पड़ रहा है। ऐसा लग रहा है विभाग में प्रबंधन व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।-श्रवण पुरोहित, प्रदेश मंत्री राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत)