इस नई व्यवस्था का विद्यार्थी वर्ग ने स्वागत किया है। वहीं कॉलेज संचालक चिंतित है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के आदेशों के बाद पीटीईटी समन्वयक ने हाल ही में एक आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया कि बीएड में प्रवेश लेने के बाद अभ्यर्थी बीएड नहीं करना चाहे तो 30 दिन के भीतर प्रवेश निरस्त करवा कर फीस वापस ले सकते है।
इससे उन बीएड कॉलेज संचालकों में चिंता है जो कागजी व्यवस्थाएं दिखाकर बीएड कॉलेजों का संचालन कर रहे है। कॉलेज पसंद नहीं आने पर विद्यार्थी प्रवेश निरस्त करा लेगा और उनके यहां सीट खाली रहने से आर्थिक नुकसान होगा। इससे पहले एक बार प्रवेश लेने के बाद कॉलेज छोड़ने पर विद्यार्थी को फीस लौटाने या नहीं लौटाने पर कॉलेज प्रबंधन की मनमर्जी चलती थी। यूजीसी ने नई शिक्षा नीति के तहत निर्देश दिए है कि 30 दिन के भीतर कोई भी अभ्यर्थी प्रवेश निरस्त करवा सकता है।
फीस रिफंड पॉलिसी पहले ही जारी
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नई दिल्ली ने 12 जून 2024 को उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए फीस रिफंड पॉलिसी जारी की थी। इसके तहत प्रवेश की अंतिम तिथि के 15 दिन बाद तक प्रवेश निरस्त कराने पर शत प्रतिशत फीस वापस लौटानी होगी। वही 30 दिन की अवधि तक प्रवेश निरस्त पर 50 फीसदी फीस वापस देनी होगी।
नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान उच्च शिक्षा के अधीन है। ऐसे में बीएड कॉलेज में रिपोर्टिग कर चुके अभ्यर्थियों को कॉलेज में ही प्रवेश निरस्त कराने का आवेदन देना होगा। पीटीईटी में सीधे आवेदन का कोई विकल्प नहीं होगा। कॉलेज की ओर से प्रवेश निरस्त कराने वाले अभ्यर्थी की सूचना पीटीईटी समन्वयक को भेजनी होगी।